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(२७) चांमें परगट नला, बाप दादानां नाम लाल रे ॥
॥ ७॥थाव्यो गयो पही प्रादुणो, रायल देवल काज लाल रे॥ खरच वरच कीधा विना, न रहे घर नीलाज लाल रे॥ पूजे॥७॥ दाने याचक जय नणे,सेव करें सदु कोय लाल रे ॥ ढलकती ढाल थ ग्यारमा, सुणता जयरंग हाय लाल रे॥पूनाए॥
॥ दोहा ॥ ॥ एकण दीधे बाहरो, नाम न लेवे लोय ॥ दी धारी देवल चढे, इम बोले सदु कोय ॥१॥
॥ ढाल बारमी ॥ राग गोडी केदारो मिश्र॥ .. ॥ जंबूदीपना जरतमां ॥ ए देशी॥ .
॥ दाम नहीं गांठ माहरे,दाम करे सदु कामो रे।। दामें तूसे देवता, दाम वधारे मामो रे ॥१॥ दाम न लो संसारमां, दीघा दोलत होय रे ॥ ग्रह गोचर पी डा टले, दाम वशे सङ कोय रे ॥ दा० ॥२॥ रूपैये माने राजवी, रूपैये दुवे घृत गोलो रे ॥ रूपैये धरम करम दुवे, रूपैये सदा रंगरोलो रे ॥ दा ॥३॥ दो कडा वाला जगतमां, दोकडे मादल वाजे रे ॥ दोकडे स्नात्र पूजा दुवे, दोकडे जिनगुण गाजे रे ॥ दा०॥ ॥४॥ दोकडे माने नारजा,लाडी हाथ में जोडे रे॥
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