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श्री जिनायनमः वैराग्योपदेशक विविध
पदसंग्रह
पंडित श्रीयसोविजय, विनय विजय तथा ज्ञानसारजी, विरचित....
तेने द्वितीयावृत्तिने, यथामति संसोधन करोवीवे श्रावक, नीमसिंह माणके
श्री मोहमयी पत्तन मध्ये निर्णयसागर छापखानामां छपावी प्रसिद्ध कर्यो छे.
संवत् १९५८. सने १९०२. वैशाख वदि त्रयोदशि
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