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________________ ३४ शत्रुजय माहात्म्य. ल, बाधाने नाश करनारं एईं जे केवल ज्ञान, तेना सरखं ऊरितनां समूहने तथा जवने नाश करना बे, माटे उत्तम बुद्धिवाला माणसोये जगतनां स्वामि श्री षनदेव प्रज्जुमां चित्त राखीने ते तीर्थने सेवq. वली या तीर्थनी पूर्व तरफनी दिशानां जागने नूषित करनालं, तथा दूषण रहित, अने देवोने पण प्रिय, एवं सूर्योद्यान नामर्नु उद्यान में; जे उद्यानमां कल्पवृदनीश्रेणि, पर्वतरूपी लक्ष्मीनी जाणे वेणीज होय नहीं, तेम जगतनां इलितने पूरे दे, तथा जिननी सेवानी स्पर्धा करे बे; वली आ उद्यानमां किन्नरो पोतानी स्त्री सहित जिनमंदिरमा श्रावीने नृत्यादिकथी गायन करे , तथा तेश्री विद्याधरोने पण गम्मत उपजावे . तमाल, हिंताल, पलाश, तथा तालनां पत्रोनी पंक्ति, ऊंकार करता चमरनी मालाने प्रेरणा करे . वली था उद्यानमां वसंत झतुमां पत्रोनां समूहोथी युक्त थयेली वननी पंक्ति, ते जाणे कामदेवे, सूर्यनां किरणोथी स्पर्श थ न शके, ते माटे लजायुक्त करी होय नहीं, तेम शोजती हती. वली श्रा वनमां वसंत ऋतुमां थाम्रनां वृ. क्षपर रहेली कोकिल आनंद आपनारा पंचम स्वरथी गाय , अने तेथी ते एम जणावे डे के, गुणीनां संगथी निर्गुणी पण गुणयुक्त थाय, एवी वाणी निष्फल जे; वली अहीं रागी माणसोने रंगनां तरंगो जपजावनारी वाणी पदिउँ बोले , के जे वाणीनी मीगश अमृतनां रसनी धाराने पण दूर करे . वली अहीं क्याराऊमां वलयाकारने प्राप्त थयेवू, तथा मार्गे चालती पशुऊनी श्रेणिउथी शोजतुं, नीकोमा पाणी वहे . वली अहीं मधुपान करवामां लीन थयेला जमराऊनीश्रेणियी मनोहर लागती, तथा उगता सूर्यनी कांतिसरखी लाल, अने धारण करेल , पृथ्वी प्रते अग्नि सरखी लाल बाया जेणे, एवी आंबानी कलिका, मदोन्मत्त कुतकीउनी श्रेणिनी तुलनाने जजे . आंबानी मनोहर मांजर, के जेनापर मनोहर कोकिल मनोहर शब्द करे , अने ते कामी वियोगीउनां मनमां आपदा उत्पन्न करे . माणसोने पीडती एवी जे तापनी श्रेणि, तेने दूर करवाने, उत्तम स्त्री जेम विऊणाश्री पवन नांखे , तेम था वन केलनां पांदडांउरूपी वींऊणाउथी पवन नांखे बे. वली अहीं सर्व ऋतु पण हमेशां एकी वखतेज होय , त. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005362
Book TitleShatrunjaya Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1899
Total Pages340
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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