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________________ पंचमः सर्गः १८५ शार्जमां शोजती हती. वली तेमां लाखो गमे ऊरुखार्ड, रत्नमय वेदीकार्ड, जाली तथा कटेरार्ड शोजता हता. वली तेमां सेंकडो सूर्यनी कांतिना ढगला सरखी कांतिवाली, श्री युगादीश प्रजुनी रत्नमय चतुमुखी मूर्ति शोजती हती. तेनी बन्ने बाजुर्जए अत्यंत कांतिवाली श्री पुंडरिक महाराजनी मूर्ति शोजती हती. वली त्यां चक्रीए कायोत्सर्गमां रहेला प्रजुनी मूर्ति पण करावी; तथा तेनी बन्ने बाजुए हाथमां खेंचेली तलवारवाली नमिविन मिनी मूर्ति पण करावी. वली त्रगडा गढमां रहेला, केवलज्ञानी तथा धर्मतत्व कड़ेता एवा प्रजुनी, एवी रीतनी चतुमुखी मूर्ति पण तेमणे करावी. वली तेमणे हाथ जोडेली, तथा प्रभुसन्मुख दृष्टिवाली, पोतानी मूर्ति पण कारिगरपासे करावी. वली तेमणे हथी श्री नाजिराजानी, तथा मरुदेवा मातानी, अने बीजा पूर्वजोनी प प्रासादसहित मूर्ति करावी. वली ते चैत्यमां रत्न तथा मणिनी बनावेली सुनंदा तथा सुमंगलानी मूर्ति पण शोजती हती; तेम त्यां सर्वज्ञानमय ब्राह्मीनी शुज मूर्ति, तथा सर्व संपदा देनारी निधानपर रहेली सुंदरीनी मूर्ति पण शोजती हती. वली त्यां पोतपोतानां वर्ण, खांबन, छाने मानवाली जावि तीर्थंकरोनी मूर्ति पण नवघरमां रही थकी, शासन देवता सहित शोजती हती. वली त्यां जरत महाराजाए करावेली पोतानां बीजा जाइनी पण मणि श्रने रत्नोनी प्रासादसहित मूर्ति अत्यंत शोजती हती. एवी रीते विचित्र प्रकारनी चैत्योनी श्रेणि ते ती मां बनावीने, चक्रीए त्यां कारिगरो, चितारा, रखेवालो, तथा पूजारीने राख्या, तेम त्यां जिनपूजामाटे तेमणे कारी, थाल, कलश, छत्र, चामर, दीपक, आभूषण, श्रारतिप्रमुख उपकरणो मुक्यां. वली ते तीर्थमां हाथीनां श्रासनवालो, बन्ने जमणा हाथोमां वरदाम तथा श्रमाला धरना, अने बन्ने डाबा हाथोमां बीजोरुं तथा नागपाश धरनारो, तथा तपेला सुवर्ण सरखी उत्तम कांतिवालो गोमुख नामनो यह पोतानी इछाथीज रक्षक थयो. वली सोनेरी कांतिवाली, गरुडनां श्रसनवाली, जमणा हाथोमां वरदाम, अक्षमाला, चक्री, तथा पाशने धरनारी, डाबा हाथोमां धनुष्य, वज्र, चक्र तथा अंकुशने धरनारी, अने दक्ष एवी - प्रतिचका नामनी शासनदेवी ते तीर्थमां रक्षक थ. २४ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005362
Book TitleShatrunjaya Mahatmya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1899
Total Pages340
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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