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जो परियाणा अप्प परु जो परियाणइ अप्पु परु जो पाउ वि सो पाउ मुणि जो पिंडत्थु पत्थु जो समसुक्खणिलीणु बुहु
जो समत्तपहाण बुहु
ण
णासग्गिँ अब्भितरहँ णिच्छइँ लोयपमाणु मुणि णिम्मलझाणपरिट्ठया णिम्मलु णिक्कलु सुघु
त ताम कुतित्थइँ परिभमइ तित्थइ देउलि देउ जिणु तित्थहिं देवलि देउ णवि तिपयारो अप्पा मुणहि तिहिं रहियउ तिहि गुणद
दंसणु जं पिच्छिय देहादिउ जे परि कहिया
देहादिउ जे परि कहिया
देहादिउ जो परु मुणइ देहावलि देउ जिणु
ध
धण्णा ते भयवंत बुह धम्मु ण पढियइँ होइ धंधइ पडियउ सयल
प
परिणामे बंधु जि कहिउ पुग्गलु अण्णु जि अण्णु पुण्णि पावइ सग्ग जिउ पुरिसायारपमाणु जिय
ब
बे छंडिवि बेगुणसहिउ
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યેાગસાર દાહાસૂચિ
दोहा
८२ बे ते चउ पंच वि णवहँ ८ बे पंचहँ रहियउ मुणहि
७१
९८
९३
९०
६० मूढा देवलि देउ णवि
२४
र
१ रयणत्तय संजुत्त जिउ
९
म
मग्गणगुणठाणइ कहिया मणुइदिहि वि छोडिय मिच्छादंसणमोहियउ मिच्छादिउ जो परिहरणु
४१ | रागोस बे परिहरवि
છુર
व
वउ तउ संजम सील वउ तव संजमु सीलु ७८ | वज्जिय सयलवियप्पइँ
६
रयण दीउ दिणयर दहिउ रायस बे परिहरिवि
६४
४७
५२
वयतव संजमूलगुण
८४ विरला जाणहि तत्तु बुहु
१०
११
५८
४३
૭
स
सत्थ पढ़तह ते वि जड
सम्माइदीजीवडहँ सब अचेयण जाणि सव्वे जीवा णाणमया
मारह भयभीयपण समारहँ भयभीयहँ लागारु वि णागारु कु वि सुद्धपपलहँ पूरियड
१४ | सुद्धा अरु जिणवरहँ २५ | सदबु सचेणु बुद्ध जिगु
३२ | सुहुमहँ लोहहँ जो
९४ सो सिउ संकरु
हिंसादिउ परिहाउ
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૪૮
दोहा
७६
८०
१७
५४
७
१०२
ર
८३
५७
१००
४८
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३३
३१
९७
२९
६६
५३ ८८
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