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(६१) जैनधर्मके सिद्धांतोको सिद्ध करता है ले० डॉ० एल० पी०
टेसिटोरी. .. .... .... पृ० १०८ थी ५ जैनोना महान् संस्कृतसाहित्यने अलग पाडवामां आवे तो संस्कृतकवितानी शी दशा थाय ? ले० डॉ० हर्टल.
.... .... .... पृ. १०८ थी ६ जैनधर्म-जैनधर्मनी मान्यताना किंचित् मुख्य मुख्य तत्त्वो०
ले० डॉ० हर्बर्ट बारन. ... पृ. १०९ थी
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