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(४२) महान् सिद्धांतने मिथ्याकल्पित अने मूर्खतापूर्ण उदाहरण साये मेळवी उपहासपात्र बनावी दीधो छे.
अगुत्तरनिकायनो एक उल्लेख जेनी थोडीक चर्चा आ उपर करवामां आवी छे तेमां वळी आगळ चलावतां जणाववामां आव्युं छे के-' उपोसथना दिवसोमां तेओ (निगंठो) श्रावकोने आ प्रमाणे उपदेश आपे छे के-'भद्र, तमारे सबळां वस्त्रो काढी नांखवां जोईए अने कहे जोईए के-९ कोईनो नथी अने मारुं कोई नथी." अहिं विचारवानुं छे के-तेना माता पिता तेने पोतानो पुत्र तरीके माने छे अने ते पण तेमने पोताना माता पिता माने छे. तेनो पुत्र अगर तेनी पत्नी, तेने पिता अगर पतिरूपे माने छे. अने ते पण तेमने पोताना पुत्र अगर पत्नी तरीके माने छे. तेना गुलामो अने नोकरो तेने पोतानो मालिक या शेठ माने छे अने ते पण तेमने तेओ पोताना गुलामो अगर नोकरो छे, तेम माने छे. आ कारणथी ( निगन्ठो ) तेमने ( श्रावकोने) उक्त रीते बोलवावें कही तेमनी पासेथी असत्य भाषण करावे छे. वळी ए रात्री व्यतीत थया बाद तेओ ते ते वस्तुओनो उपभोग करे छे जे सर्व ( तेमना माटे ) अदत्तादान रूप छे आथी हुँ तेमने अदत्तादान लेवाना पण दोषी तरीके मानु छ.'
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