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(१९२) ९ जो जीवो अने परमाणुओ प्रथम न हतां तो निरंजन निराकार परमात्मा आ प्रत्यक्ष देखाता जीवो अने परमाणुओ क्या स्थानमाथी लावीने आपणा प्रत्यक्षमा सुक्या हशे ? जो कहेशो के बनाव्या वगर कोई चीज बनती जोई ?, हा, वर्षाऋतुमां करोडो चीनो थाय छे त्यां कयो ईश्वर बनाववा आक्तो जोयो ? तथा पहेलवेलो कोई बनावनार जोइए एम जो कहेशो तो परमात्मानो पण कोई बनावनार केम न जोइए ?
अमारा समनवा प्रमाणे आ सृष्टि अनादिकाळना प्रवाहथी चालती आवेली छे छतां जो कोई कर्ता मानवामां आवे तो ते कर्ताना संबंधे असंख्य दूषणोनी जाळ उभी थाय छे ते घणुंन अनिष्ट थाय छे, अने ते अनेक दूषणो बतावनारां अनेक पुस्तको जैनधर्मावलंबिओना तरफथी प्रगट थई गएलां छे, तेथी आ विषयने वधारे न लंबावतां मात्र वाचकोने विचार करवानी खातर आ नव प्रश्नोनो उल्लेख करी फॉर्मने पूर्ण करूं छु. सुज्ञेषु किं बहुना ।
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