________________
જૈન કોસ્મોલોજી
પરિશિષ્ટ - ૨
भेरु पर्वत पर अभिषेठ रातातीर्थडर प्रम... ॥
जननापिऊल एकलापजोजननिमादके काशवादशवमवाड-मुखदक्षिणदिस केयुपत्रपबिमदिसेंयूपत्तरदिसंत्री श्वरराएदयारेकलशनानामजणवाधि ॐदिशिनाबारपातालकलसयासें लघु पातालकलजा सानदजारातसेवारा सीमध्यातालकलसनाप्रमाण थीएदलयुयानालकलससामनागंजा। एग्दा एतलवझाकलसनीठीकरीसद खजाजनजामीबनविद सामनांगदा सजाजनथाइलघुकलसनीधीकरीद बाजाजनएमसर्वसाजीजनदेविया विलापेटेसहमहाजननेका विरण सहखातेणेतप्रदेशएतलेंमुषपेटादिषदेवाएदवे प्रमायाजाणवापूर्वपानालकल
SUS
लवाशसमुद्रभां रहेल पाताललश...
सार
37353जी. 3.in
जागतिनस्वासव वरिने नागदुगेतवसामु
वहवेउदारवाया बतिखहलिपिकाराएग अहोरत्ननो तयातयाबेलय रिखुट्टी।नाहिबवेलेधनाने स्वरूपकहबेः यायालसति
अमरदेवमेमन समयनि:महसानागमन रहि वेलंघरतिकमवा उहत्तरूलकुतेसपाहि
परिवह
४४६ Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org