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________________ रके नारकीपणे उत्पन्न थयो. त्यांथी नीकली वीशमा नवमां सिंह थयो. त्यांथी मृत्यु पामी एकवीश मा नवमां चोथी नारकीमा उत्पन्न थयो. त्यांची नीकली घणा नव नमी बावीशमे नवे मनुष्यपणुं है प्राप्त करी शुज कर्म उपार्जन करी त्रेवीशमे नवे मूका राजधानीमां धनंजय राजानी धारिणी देवीनी कुक्षिमा चोराशी लाख पूर्वना श्रायुष्यवालो प्रिय मित्र नामे चक्रवर्ती थयो. ते पोहिलाचार्यनी पासे है दीदा लइ एक कोटि वर्ष सुधीदीदा पाली चोवीशमे नवे महाशुक्र देवलोकमां देवता थयो. त्यांथी । चवीने पचीशमे नवे था जरतदेतनी बत्रिका नगरीमा जितशत्रु राजानी जमा नामे देवीनी कुदिमाई पचीश लाख वर्षना आयुष्यवालोनंदन नामे पुत्र थयो.ते पोहिलाचार्यनी पासे चारित्र लश् जाव जीव सुधी मासढ़पण करी वीश स्थानकनी थाराधना वडे तीर्थंकर नामकर्म निकाचित करी एक लाख वर्ष है सुधी चारित्रपर्याय पाली मासिक संलेखनाथी मृत्यु पामी वीशमे नवे प्राणत करूपमा पुष्पोत्तरावतं४सक विमानमां वीश सागरोपमनी स्थितिवालो देवता थयो. त्यांची चवीने पूर्वे मरीचि जवमां बांधेला अने जोगववाने वाकी रहेला नीच गोत्रना कर्मथी सत्यावीशमे नवे ब्राह्मणकुंमग्राम नगरमां षनदत्त । है ब्राह्मणनी देवानंदा ब्राह्मणीनी कुदिमां ते उत्पन्न थयो. तेथी शक्र-इंस था प्रमाणे चिंतवे डे के एवी रीते नीच गोत्र कर्मना उदयथी अहंत, चक्री,बलदेव श्रथवा वासुदेव विगेरे अंत प्रमुख नीचकुलोमां है आव्या ,आवे के अने आवशे, अने कुक्षिमा गर्नपणे उत्पन्न थया ने, थाय ने अने थशे, पण जन्म 2 8 लेवाने माटे ते योनिमाथी नीकल्या नथी, नीकलता नथी श्रने नीकलशे नहीं. जावार्थ एवो डे के कदाचित कर्मना उदयथी ते अहंत विगेरेनो अवतार तुबप्रमख नीच गोत्रमा थाय, पण योनिथी जन्म तो थयो नथी, थतो नथी अने थशे नहीं; अने था श्रमण जगवंत महावीर प्रजु जंबूझोपने विषे हैं नरतक्षेत्रमा ब्राह्मणकुंडग्राम नगरमांषनदत्त ब्राह्मणनी स्त्री देवानंदानी कुदिमां गर्नपणे उत्पन्न थया । बे, ते माटे श्रावो श्राचार . ते कोनो श्राचार देते कहे. देवताना राजा शक्रादि इंशोनो चार बे. तथतीत, वत्तमान अनअनागत एवा इंजनोथाचार .ते कयो याचार ते कहे .तेवा प्रकारना पूर्वे|8| Jain Education intamational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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