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________________ कल्प० ढिक नामे गाममां चमरें प्रजुने कुशल पूब्युं. त्यांथी षएमानि नामे गाममांप्रजु बहारना नागमा सुवोण प्रतिमाथी रह्या हता, तेमनी पासे एक गोवाली पोताना बेलो मूकीने गाममा गयो. पनी वीने है। ॥ ॥ तेणे प्रजुने पूज्युं के हे देवार्य ! मारा बेलो क्यां गया? पण प्रनु मौन रहेवाथी तेणे गुस्से थक्ने प्रजुना है कानमां एवी रीतेवांसना खीला गेक्या के जेमना अग्र जागअंदर एक बीजाने अमक्या अने बहारना। श्रय नाग कापी नाखीने ते न देखाय एवा करी दीधा प्रजुए त्रिपृष्ठना नवमां शय्यापालकना कानमांजे ४ तपावेढुंसीसुंरेमाव्यु हतुं,ते उपार्जन करेलुं कर्मश्रावी रीते वीरनवने विषे उदयमां श्राव्यु.ते शय्यापा-1 लक नव जमीने आज गोवाली थयोहतो. त्यांथी प्रनु मध्यमअपापामां गया.त्यां सिझार्थ नामे वणिकने घेर प्रजुने निदा माटे श्रावेला जोश्ने खरक नामना वैद्ये प्रजुने शस्य सहित जाएया. पनी ते वणिके वैद्यनी साथे उद्यानमां जश्ने ते खीलाने साणसीथी प्रजुना कानमांथी खेंची कढाव्या. ते काढती वखते वीर प्रजुए एवो अरेराट शब्द कयों के जेथी सघलु उद्यान महा जयंकर थयु. त्यां8 सालोकोए एक देवालय पण बंधाव्यु. पली प्रनु संरोहिणी नामनी औषधिथी नीरोगीथया, तथा ते वैद्य श्रने वणिक बन्ने वर्गमां गया तथा ते गोवाली सातमी नरके गयो. एवी रीते उपसर्गो गोवालीआधीर शरु थया अने गोवालीआथीज पूर्ण थया. | हवे ते उपसर्गोमांजघन्य, मध्यम अने उत्कृष्ट ए विनागले. ते या प्रमाणे-कटपूतनानो शीतोप-12 सर्ग जघन्यमा उत्कृष्ट जाणवो, कालचक्रनो मध्यममा उत्कृष्ट जाणवो, तथा कानमाथी खीला खेंचवानो उत्कृष्टमां उत्कृष्ट जाणवो. ते सघला उपसर्गो वीर प्रजुए सम्यक् प्रकारे सहन कर्या. ___ त्यारपली श्रमण जगवान् श्रीमहावीर प्रजु अणगार थया. केवा शणगार थया ते ॥ ए। र्यासमिति एटले हलनचलनमा उत्तम प्रवृत्तिवाला थया, तथा नाषासमिति एटले बोलवा करवामां उत्तम प्रवृत्तिवाला थया, तथा एषणासमिति एटले बेंतालीश दोषोए करीने रहित एवी निदा ग्रहण करवामां उत्तम प्रवृत्तिवाला थया, तथा श्रादाननंम्मतनिदेपणासमिति एटले श्रादान कहेतां *SHARASHASASSASSSSSS Jain Educat For Private & Personal Use Only K ainelibrary.org
SR No.005230
Book TitleSubodhika Kalpasutra Tika Gujarati Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1915
Total Pages414
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_kalpsutra
File Size16 MB
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