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संघभेद के पापके भागी न बनें : जैन प्रकाश २२-४-'६६,
(गुज. से अनुवाद).. जैन गुणस्थान और बोधिचर्याभूमि : वाराणसेय सं. विश्वविद्यालयके बौद्ध
योग और अन्य भारतीय साधना
ओंका समीक्षात्मक अध्ययनसेमिनारका निबंध २१-२-'७१
संबोधि १, २. आचारांगका श्रमणमार्ग : मगध युनि. बोधगया की संगोष्ठि
Contribution of Prakrit and Pali to Indian
Culture, 26-2-'71. निर्गन्थ का चातुर्याम धर्म- जर्नल-गंगानाथ झा केन्द्रीय संस्कृत'
___'सर्ववारिवारितो' का अर्थ : विद्यापीठ, जुलाई-अकटु. '७१. भगवान महावीरकी अहिंसा : उदयपुर युनि. सेमिनार २-६-७३.. भ. महावीरका मार्ग
: जैन सदेश २७-१२-'७३. भ. महावीरके प्राचीन वर्णक : मुनिद्वय अभिनंदन ग्रन्थ '७३. भ. महावीर-समताधर्म के प्ररूपक : श्रमण नवे.-दिस. '७४.
भ. महावीर स्मृति ग्रन्थ लखनौ
३-११-'७५. भ. महावीरका धर्म-सामायिक : 'वीर परिनिर्वाण' १.१० मार्च'७५. निश्चय और व्यवहार-पुण्य और पाप : गुज. से अनु. श्रमण, अगस्त, '७४. भ. महावीरकी अहिंसा : Seminar on-"Contri
bution of Jainism to Indian Culture", Ed. Dr. R. C. Dwivedi; Motilal Banarsidass, Delhi, '75.
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