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________________ कालकाचार्य-२] जमदग्नि ऋषिनी पत्नी रेणुकानें हरण कार्तवीर्यनो पिता अनंतवीर्य करी गयो हतो, एथी जमदग्निना पुत्र रामे-परशुरामे एने मार्यो. आधी कार्तवीर्ये जमदग्निनो वध कर्यो; परिणामे परशुरामे सात वार पृथ्वी नक्षत्री करी, जेना बदलामां कार्तवीर्यना पुत्र सुभूमे एकवीस वार ब्राह्मणोनो संहार कयों.' - सुभूमे एकवीस वार ब्राह्मणोनो संहार को ए वस्तु पुराणोमां क्यांय नथी ए नोधपात्र छे. १ सूकृशी, पृ. १७० कालकाचार्य-१ __तुरुमिणी नगरीमा रहेतो भद्रा नामे ब्राह्मणीना तेओ भाई हता. तेमनो भाणेज-भद्रानो पुत्र दत्त ए नगरना राजाने हांकीने गादी पचावी पड्यो हतो. एणे घणा यज्ञो कर्या हता. तेनी समक्ष कालकाचार्ये यज्ञोनी निन्दा करवाथी दत्ते आचार्यने केद कर्या हता. आचार्यनी भविष्यवाणी अनुसार, राजा पाछळथी मूंडे हाले मरण पाम्यो हतो.' आ कालकाचार्ये इन्द्र समक्ष निगोदना जीवो संबंधी व्याख्यान कयु होवानी पण कथा छे. आ कालकाचार्य गर्दभिल्लनो नाश करनार कालकाचार्यथी भिन्न तेम ज एमना पूर्ववर्ती होबानो मुनि कल्याणविजयजीनो मत छे. आ प्रथम कालकाचार्यनो समय तेमणे वीरनिर्वाण सं. ३०० थी ३७६ (=ई. स. पूर्वे २२६थी १५०)नो गण्यो छे.. १ आचू , पूर्व भाग, पृ. ४९५-९६; आम, पृ. ४७८-७९ २ 'प्रभावकचरित,' प्रस्तावना, पृ. २३-२४ कालकाचार्य-२ उज्जयिनीना विषयी राजा गर्दभिल्लनो नाश करावनार तथा पर्युषणपर्वने भादरवा सुद पांचमने बदले चोथना दिवसे करावनार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
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