SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 210
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रोहक ] राष्ट्रवर्धन उज्जयिनीना पालक राजानों पुत्र. विशेष माटे जुओ अवन्तिवर्धन, पालक, मणिप्रभ रिष्टपुर $ दशमा तीर्थंकर शीतलनाथने प्रथम भिक्षा रिष्टपुरमा मळी हती. जुओ अरिष्टपुर रैवतक १ आनि, पृ. ३२४ २ उज्जयंत अर्थात् गिरनारनु बीजुं नाम रैवतक छे.' रैवतक पर्वत द्वारकानी ईशाने आवेलो हतो. रैवतकमां नंदनवन नामे उद्यान हतुं अने सुरप्रिय नामे यक्षनुं आयतन हतुं सामान्य रौते रैवतकनो उल्लेख पर्वत तरीके छे. मूलसूत्रो जेवां के ' अंतकृत्दशा ', ' वृष्णिदशा, ' ' ज्ञाताधर्म कथा' आदिमां रैवतकने पर्वत कह्यो छे, ज्यारे पछीना समयनी केटलीक टीकाओ आदिमा रैवतकनो उल्लेख उद्यान तरीके छे. [ S 0 रैवतकता परंपरागत वृत्तान्त गाटे जुओ ' विविधतीर्थकल्प मां 'रैवतकल्प'; वळी जुओ उज्जयंत, द्वारका १. ' निष्क्रम्य' निर्गम्य द्वारकातः द्वारकापुर्याः ' रैवतके ' उज्जयंते. ' स्थितः ' गमनान्निवृत्तः, उशा, पृ. ४९२ २ नुओ द्वारका. ३ बृकम, भाग १, पृ. ५६-५७, कसु, पृ. ३९९-४२४; कको, पृ. १६२-६८, इत्यादि. रोहक Jain Education International उज्जयिनी पासेना नटोग एक गामडामां वसतो नटपुत्रः एनी औपत्तिकी बुद्धिनी चतुराईमरी कथाओ आगमसाहित्यतां जाणीती छे. ' For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.005124
Book TitleJain Sahitya ma Gujarat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhogilal J Sandesara
PublisherGujarat Vidyasabha
Publication Year1952
Total Pages316
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy