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તત્વાર્થસૂત્રના આગમ આધાર સ્થાને
० एगे पुण्णे | स्था०१सू.१६ अभयदेवसूरिजी कृत वृत्तौ [आगमोदय समिति प्रकाशीत प्रते १६ पृष्ठे] निम्नोक्त पाठः वर्तते
एगेपुण्णे, पुण शुभे, पुणति शुभी करोति - - - - पुण्ण शुभकम" ---- साय उच्चागोयनर तिरि देवाउ ---मणुयदुग' देवदुग पंचेदिय जाति तणुपणग---- तसाइ दसग ---- यावत् तित्थयरेण सहिया बायाल' पुण्णपगईओ ----
- इति अष्टमोऽध्यायः -
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