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शुद्धि पत्रक
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अशद्ध पाठ
शुद्ध पाठ
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गहाण सुरेन्द्रकरणी दरदरिते सर्वगोत्तम : चतुवर्णी विउव्विणइ. पन्नासमणाणं भगवई महाविज्जा जर्जा / 4 क्ष्वाँ छिन्धि ॥३॥ मध्यक्षुद्रोपद्रव मध्यक्षदोपद्रव क्षीरोदधिसमावृतः
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गहाणे सुरेन्द्रकरिणी दरदुरिते सर्वतोमुखः चतुर्वर्णी विउव्वणइ.. एण्हसमणाणं | भगवई महई महाविज्जा
जौ प्रों प्रों क्ष्वीं छिन्धि छिन्धि छिन्धि ॥२॥ मध्ये क्षुद्रोपदव मध्ये क्षुद्रोपद्रव क्षारोदधिसमावृतः श्री सुमतिं पोडशैवं जिनानेतान् शेपास्तीर्थकृतः देवाः,
सुमति
एतांश्व पोडश जिनान शेपाः तीर्थकृतः देवा,
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