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જીવનું મૌલિક અને વિકૃત સ્વરૂપ
अज्ञान
अंधापादि निद्रा
ऊंच कुल
ज्ञानावरण /
नीच कुल गति, शरीर
अनंत/ अगरु ज्ञान
दर्शनावरण/
लघुताअनंत,
मिथ्यात्व अविरति
इंद्रियादि
अरूपिता
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मोहनीय
वीतरागता:
+1
सौभाग्य
यश,अपयश
यादि
म
नंतवाय
अरूपिता जीव सम्यग्दर्शन: राग-द्वेष स्थान LIL अनादाय र काम क्रोधादि
वेदनीय'
आदि
काम क्रोधादि
अंतराय
आयुष्य
अनंत सुख \
/ikel
जन्म जीवन
-
कृपणता दरिद्रता पराधीनता
शाता अशाता
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94-सूर्य, ८ गुgust!, ८ ६४१ मने तेनी वितिओ.