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________________ द्वात्रिंशिका • त्रिशिानी नयनत मां उद्धृत तर अंथोनी सूयि • ___ 25 मनोदूत योगसूत्र (योगानुशासन) वशिष्ठधर्मशास्त्र शृङ्गारशतक मनोऽनुशासन योगसूत्र चन्द्रिकावृत्ति | वाग्भटालङ्कार शैवपरिभाषा मन्वर्थमुक्तावली योगसूत्र प्रदीपवृत्ति वाचस्पत्यम् श्रीमद्भागवत मयशास्त्र योगसूत्र मणिप्रभावृत्ति वासवदत्ता सप्ततिका महाकाव्यरत्नावली योगसूत्र राजमार्तण्डवृत्ति | विक्रमार्कचरित सभारञ्जनशतक महाकाश्यप योगसूत्र योगसुधाकरवृत्ति | विक्रमोर्वशीय सर्वतन्त्रसिद्धान्तमहाभारत योगसूत्रभाष्य विदग्धमाधव पदार्थलक्षणसङ्ग्रह महावाक्यरत्नावली योगसूत्रभाष्यवार्तिक विद्धशालभज्जिका सायणभाष्य माण्डूक्यकारिकाभाष्य योगसूत्रविवरण विद्यापरिणयन साहित्यकौमुदी मानसोल्लास रघुवंश विश्वसार सुभाषितनीवि मुक्तावली रसगङ्गाधर विष्णुभक्तिचन्द्रोदय सुभाषितरत्नभाण्डागार मुद्राराक्षस रसहृदय वेणीसंहार सुभाषितरत्नसन्दोह मुमुक्षुव्यवहारप्रकरण राजतरङ्गिणी वेधवास्तुप्रभाकर सुभाषितसुधानन्दलहरी मृच्छकटिक राजमार्तण्ड वैखानस सुवृत्ततिलक मोक्षधर्म रामायण (वाल्मीकि) वैजयन्ती हठयोगप्रदीपिका यतिधर्मकर्मसमुच्चय रामायणमञ्जरी शाङ्गधरपद्धति हनुमन्नाटक यशस्तिलकचम्पू लघुकल्पतन्त्र शिखामणि हरिलीलाकल्पतरु यास्कनिरुक्त लीलावतीकथा शिवधर्मोत्तर हर्षचरित योगप्रदीप लोकानन्द शिवानन्दलहरी हर्षप्रबन्ध योगवाशिष्ठ लोकोक्तिमुक्तावली शिशुपालवध हिङ्गुलप्रकरण योगसारसङ्ग्रह वज्रालग्न शुकसप्तति हितोपदेश योगसुधाकर वशिष्ठकरालजनकसंवाद शुक्रनीति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004944
Book TitleDwatrinshada Dwatrinshika Prakran Part 7
Original Sutra AuthorYashovijay Upadhyay
AuthorYashovijay of Jayaghoshsuri
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year2002
Total Pages266
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size15 MB
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