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• त्रिशि5145२९ तथा 'नयस्ता व्यायाम विदा पार्थोनी याही . 135 (४) दोषप्रतिघातविनय १९७५, १९९९ विवाद जुओ वाद विनयगुण १९९१
| विवेकख्याति ७८८, ८२०, १२८२, १३३५, विनयपञ्चक (लोकोपचारादि) १९६२
१३४५, १३४८, १३६९-१३७०, १४८२, विनयसमाधि जुओ समाधि (विनयादि)
१६३८, १७२६-१७२७, १७३१-३२, १७४६, विनयस्थान ३५०
१७५४-१७५६, १७७८, १७९९, १८२१विनिबन्धपञ्चक (बौद्धसंमत) ८९४-८९५, १२५५
१८२२, १८२६ विनयहेतु २००६
(१) विवेकख्यातिसप्तक १७२६-१७३१ विनियोग जुओ आशय
विवेकज्ञानावरण कर्म जुओ कर्म विपर्यय जुओ वृत्ति
| विवेकजप्रीतिसुखसंज्ञा जुओ संज्ञा (बौद्ध) विपर्यय जुओ अज्ञान (जैन सम्मत) विवेकाऽख्याति ७३३, १६५२, १७४५, १७५४-१७५५ विपर्यय (पञ्चक) १५४३
विशिष्टयोग्यता जुओ योग्यता (१) तमो १५४३, १७३५
विशोका प्रवृत्ति जुओ प्रवृत्ति (२) मोह ३३३, ४३५, ९५९, १४२८, विशोका सिद्धि १८२२ १४२९, १५४३, १७३५
विष्णुव्युत्पत्ति
जुओ व्युत्पत्ति (३) महामोह १५४३, १७३५
विषय
७५७ (४) तामित्र ९०, १५४३, १७३५ | विषयप्रतिभास ज्ञान जुओ ज्ञान (विषयप्रतिभासादि) (५) अन्धतामिस्र १५४३, १७३५
| विषयवती प्रवृत्ति जुओ प्रवृत्ति विपश्यना
१६४८, १६४९, १७०७ विषयसुख ८७१ विपाकक्षमा जुओ क्षमा
विषयशुद्धानुष्ठान जुओ अनुष्ठान (विषयशुद्धादि) विपाकक्षान्ति जुओ क्षमा
| विषानुष्ठान जुओ अनुष्ठान (विषादि) विभङ्गज्ञानलाभहेतु ७१४
| विसभागपरिक्षय ५२६, ६०५, १६७१-१६७३, विभावगुण २०४३
१७२१-१७२२, २१०७ विभावनभावना जुओ भावना
वीतरागजन्मादर्शन २११९ विभूतिपरा भूमिका जुओ उपासनाभूमिका वीतरागचारित्र जुओ चारित्र विमुक्ति (पातञ्जल) १७२६-१७२९
वीर्यात्मा जुओ आत्मा (द्रव्यादि) (१) कार्यविमुक्ति १७२१, १७२६-१७२८ वृत्ति (२) चित्तविमुक्ति ७०८, १७२६-१७२९ (१) प्रमाण ९६, १३७, ५६१, ७४६-७४७ विमुक्ति (बौद्ध)
(२) विपर्यय ७४६-७४७, १३२५, १५४३ (१) चेतोविमुक्ति १६२४
(३) विकल्प ७४५-७५२, १५६१ (२) प्रज्ञाविमुक्ति १६२४
(४) निद्रा ७२९, ७४५-७४६, ७५०-७५२, ७५४ विरति ३८६
(५) स्मृति ७५०-७५२, १७१९ विरामप्रत्यय १३४७, १३४८-१३४९, १३६९ वृत्ति (ज्ञानवृत्ति) ७७५ विलापिनी भूमिका (चतुर्थी) १६२२, १६२७ वृत्तितादात्म्यभ्रम ७४३ विलास ६३८, ६६९
| वृत्तित्रैविध्य ७४२ Jain Education International
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