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मलन
२०५
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• द्वात्रिंशि.5145२५॥ तथा 'नयतता' व्यायाम पवित पार्थोनी याही . जुओ मुक्त्युपायमलन
९४३-९४४, ९५८, ९९५, ९९९, १०८०, मलिनदान जुओ दान (विद्यादि)
१२२३, १४०२, १४३६-१४३७, १७११, मस्करित्व ४८१, ४८२
१८४०, १९१३, १९२१, १९७३, २०७५ महत्त्व
मातापूजा (मातृभक्ति) २७५-२७६, ८२६-८४० महादान जुओं दान (अनुकम्पादि) मातृस्थान
१४८, ४५६ महान्ध १६३०
मात्रा
१५०७ महाप्रतिष्ठा जुओ प्रतिष्ठा
माधुकरी भिक्षा जुओ भिक्षा महाप्रलय
२०७८, २०८०-२०८२, २०८४, | माध्यस्थ्य (मध्यस्थ) १०३-१०६,५०६-५०८,५४६-५४७, २०८६-२०८८, २०९०-२०९२, २०९७, ५५०-५५१, ६५०-६५१, १११५, ११२१२१०४-२१०५, २१३१
११२२,११३५,११३९-११४०,१४३४,१४३८, महामोह जुओ विपर्यय (पञ्चक)
१५१२-१५१३, १८८५-१८८६,१९३१, महावाक्यार्थ जुओ अर्थ
१९३५-१९३६, १९४९, २०६०-२०६१ महाविदेहा वृत्ति १८११-१८१२
माध्यस्थ्यभावना जुओ भावना महाव्रत
४२३, ५५५, ७०६, ८३६, माध्यमिक-बौद्धमान्यमुक्ति जुओ मुक्ति १२२१, १२३२, १२३४, १४२०, १४२३- मानसतप जुओ तप (शारीरादि) १४२४, १४३०, १४३२, १६३३, १६७२, मानसिक पूजा जुओ पूजा १८४५, १८५१, १८९२
मानसिक विनय जुओ विनय महासमाधि जुओ समाधि (निरालम्बनादि) माया
७३५, ७७८ महासमाधिबीज १६८०
मायावाद
जुओ वाद महासामायिक १६८३
मायोदक
१६४६-५२ महिमा जुओ लब्धि
१३७, १३९, ४३४, ९३७ महेश्वर व्युत्पत्ति जुओ व्युत्पत्ति
मार्गणा
७२६-७२७ मांस
४५१, ४६३, ४६५-४६८, ४७० | मार्ग व्याख्या ४३४-४३५, ९३६-९३९, १२१२-१२१५ मासग्रहण ४५७, ४५८-४६१
मार्गपतित १७६, ९३६-९३९, १२९६-१२९७, १४४९, मांसनिगोद ४५४
१५४१, १५८४ मांसपदार्थ ४६३
मार्गप्रवेश
९२३ मांसविपत्ति ४७०-४७१
मार्गबीज
९८८ मांसभक्षण २६३, ४४९, ४५४-४५६, ४५८, मार्गभेद ८१, १५०, १८२
४६८-४७९, ४८१-४९०, ४९७-४९८, ५००, मार्गस्थानक ७२६ ५०३-५०६, ५२१, १५२५
| मार्गानुसरण ९२४ मांसभक्षणदोष ४७५
| मार्गानुसारिता जुओ चारित्रलिंग मांसाभक्ष्यता (बौद्धमतानुसारेण) ४६८ | मार्गानुसारिणी बुद्धि जुओ ज्ञान (अवशिष्ट) माता १२०, २६२, २७१-२७७, ३१६, ३१८, मार्गानुसारी ८९, ७११, ८३५, ८५०, ८५४
४११, ५१५, ८३६-८३७, ८३९, ८४९, ८५८, १२१३, १२९७, १३२०, १५४१,
मार्ग
०७५
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