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आसाढ पनरोतरए तेरसि पहिलइ पखि । तउ नंदि ठविय अजियह भुवणि सलहीजइ नरलक्खि ॥१४॥ तरुणप्पहसुहगुरु रयणु वाणारिउ सुविचारु । त ठविउ पाटि गाणि सोमपहो सयलगच्छसिंगारु ॥ १५ ॥ त दिन्नु नामु जिणउदयसूरि सवणह अमियप्रवाहु। जयजयकार समुच्छलिउ हूड संघु सणाहु ॥ १६ ॥ घात-सयलमंदिर सयल मंदिर लच्छिगेहमि ।
भाईत वरनयरि अजियनाह मंदिरि मणोहरि । तहि मिलिउ संघु यणु पंचसबद वज्जति बहु परि । रतनउ पूंनउ संघवइ सुहगुरतणइ पसाइ । पाटमहोच्छवु कारवई हियडइ हरषु न माइ ॥ १७ ॥ इणपरि ए गुरु आएसि सुहगुरु पाटिहि संठविउ । तिहुयणि ए मंगल चारु जयजयकारु समुच्छलिउ ॥ १८ ॥ वाजए नंदिय तूर मागणजण कलिरवु करए । सीकरि ए तणइ ज मालि नंदिमंडपु जणमणुहरए ॥ १९ ॥ नाचई ए नयणविसाल चंदवयाणि मनरंगभरे । नवरंगि ए रासु रमंति खेल खिलिय सुपरिपरे ॥ २० ॥ घरि घरि ए वंदुरवाली गीतह झुणि रलियावणिय । तहि पुरिए हुयउ जसवाउ खरतरराति सुहावणिय ॥ २१ ॥ सलाहिसु ए विहसमुदाउ षंभनयरि बहुगुणकलिउ । दीसई ए दाणु दियंतु जंगमु सुरतरु किरि फलिउ ॥ २२ ॥ संघवईए रतनउ साहु वसपाल पूनिग सहीउ । घणु जिम ए वंछिय धार धनु वरिसंतउ गहगहिउ ।। २३ ॥ अहिणवु ए कियउ विवेकु रंगिहि जीमणवार हूय । गरुयई ए मनह आणंदि चउविहसंघहं पूय किय ॥ २४ ॥
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