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________________ ४५८ ५ - निजमंदिरथिकूं, संकलह. ४-६-तसु, तास, संवच्छरह, अंगतणउं, एकाउलिनउ, चेटकनउं, चउसठिनूं, पानतणां, फूलतणा, सुगंधीतणी, पारिषिनइ, आपापणी, केवीतणां, पारिषितणां, वंसह, करिण, वत्सतण्ड, वच्छतणउ. ७ - सुरपुरि, नरभुवणि, पायालि, कालि, कलि, चउहटइ, माथि, तीणइ, पगि, हाटमांहि, अंतरिषि, कन्नि, लक्षणे, नयणंमि, ति - वारिहिं, मसाहाणि. १६२ तरुणप्रभ - ( सं० १४११ ) क्रियापदो, सर्वनामो अने बीजा शब्दो तरुणप्रभना बीजा शब्दो क्रियापदो लिखियइ–लखाय | देखी करी - देखी | बइसाली - बेसारी | जाइसिइ - जाशे छे करी - जोई करी | वढइ-वढे छे जशे नहीं - नथी वीनवइ - वीनवे छे छह-छे हूंत हतो हूंती - हती करजं करूं नीपनउ-नीपन्यो गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति पढाई - पढे छे थाई - थाय - थाय छे नीपज्यो | थाई थई - थईने गयउ गयो हुयइ - होय छह-छे नथी - नथी चींतवइ) चींतवे छे चीतवइ) छई-छे हो हो ले करी- लई करी गंधाइ - गंधाय छे आपि - आप पाउ धारावउं-प Jain Education International मारिवा - मारवा मारि-मार कीजउ - कीजो - करजो चीतवइ-चीतवे छे। साही करी-धरी छता-छता परीछइ-प्रीछे परीक्षे-जाणे मागि- माग नीगम - नीगमे छे - बीतावे छे देखीसिहं देखशे बोल-बोले छे -धरावुं | देखइ-देखे छे वाइवा छे थाहरावी -ठेरावी मारि मारि - मार मार For Private & Personal Use Only करी आपिसिइ - आपशे काढियां कढाय छे (बहार काढवु ) भागा - भाग्या हुउतउ-होत जायतइ-जात विहराविउ-होराव्युं - आप्युं www.jainelibrary.org
SR No.004874
Book TitleGujarati Bhashani Utkranti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherMumbai University
Publication Year1943
Total Pages706
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Grammar
File Size22 MB
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