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५ - निजमंदिरथिकूं, संकलह.
४-६-तसु, तास, संवच्छरह, अंगतणउं, एकाउलिनउ, चेटकनउं, चउसठिनूं, पानतणां, फूलतणा, सुगंधीतणी, पारिषिनइ, आपापणी, केवीतणां, पारिषितणां, वंसह, करिण, वत्सतण्ड, वच्छतणउ.
७ - सुरपुरि, नरभुवणि, पायालि, कालि, कलि, चउहटइ, माथि, तीणइ, पगि, हाटमांहि, अंतरिषि, कन्नि, लक्षणे, नयणंमि, ति - वारिहिं, मसाहाणि. १६२ तरुणप्रभ - ( सं० १४११ ) क्रियापदो, सर्वनामो अने बीजा शब्दो
तरुणप्रभना
बीजा शब्दो
क्रियापदो
लिखियइ–लखाय | देखी करी - देखी | बइसाली - बेसारी | जाइसिइ - जाशे छे करी - जोई करी | वढइ-वढे छे
जशे
नहीं - नथी वीनवइ - वीनवे छे
छह-छे हूंत हतो
हूंती - हती
करजं करूं नीपनउ-नीपन्यो
गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
पढाई - पढे छे
थाई - थाय - थाय
छे
नीपज्यो | थाई थई - थईने गयउ गयो
हुयइ - होय
छह-छे
नथी - नथी
चींतवइ) चींतवे छे
चीतवइ)
छई-छे
हो हो
ले करी- लई करी
गंधाइ - गंधाय छे
आपि - आप पाउ धारावउं-प
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मारिवा - मारवा
मारि-मार
कीजउ - कीजो - करजो चीतवइ-चीतवे छे। साही करी-धरी
छता-छता
परीछइ-प्रीछे परीक्षे-जाणे
मागि- माग
नीगम - नीगमे छे
- बीतावे छे
देखीसिहं देखशे बोल-बोले छे
-धरावुं | देखइ-देखे छे
वाइवा छे
थाहरावी -ठेरावी
मारि मारि - मार
मार
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करी आपिसिइ - आपशे काढियां कढाय
छे
(बहार काढवु ) भागा - भाग्या हुउतउ-होत
जायतइ-जात
विहराविउ-होराव्युं - आप्युं
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