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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति पहिरेइ-पहेरे छे
फाडेई–पाडे-बे भाग करे मोतियहारो-मोतीनो हार कांचुलिय-कांचळी कानिहि-कानमा
उरमंडलि-छातीना विस्तार ऊपर मुक्का-मूक्या
ताडेइ-ताणे छे काजलि काजल वडे
कचोला-कचोळा संथउ सेंथो
गालि-मसूरा-गालमसूरियां बोरीयावडि–बोरनी भातवाळी के जेमां कूवडिय-कूई
सोनानां बोर टांकेलां छे एवी खंभ खंभा-स्तंभो झबकइ-झबके छे
रिमिझिमि-रुमझुम-रमझम गाजंते-गाजे छे
सुवाजइ-सारी रीते वागे छे चरणलग्गि-चरणमा लागी- पहिल्ली-पहेली
पगे लागी जव-जब-ज्यारे वायंते-वाय छे
कउतिगि-कौतुके झलहलिया झळांझळां थयां आकासि-आकाशे नाचइ–नाचे छे
वांकउ बांकुं मोटइ-मोटे
घडियउ-घड्यो–घडेलो ऊगटि-ऊगटावडे
घरीजइ-धरीजे भीजइ-भींजे छे
मू-सिउ-मारी साथे छंडियु-छंड्यो-तज्यो
परिणेवा-परणवा लोहिहि-लोढावडे
सिरीहिसु-श्रीसाथे हियउ-हैयुं
साचउ-साचुं पावसु-प्रावृष-चोमासुं
नवलइ–नवले–नवलमां माणीजइ-माणीजे-माणीए- लोउ लोक
अनुभवीए कवणु-कोण
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