________________
३९६
गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
करिसु-करीश
झखि-झंख मिलिउ-मळीने-मेगी थईने तपु-तप मिरिय–मरी-मरीयां-तीखां तउं-तुं अउगी-ऊगी नथी-हजी नानी छे । सुख-सुखवडे-सुखथी आल-अनर्थ नकामुं–अलीक- हिव-हवे
प्रपंच दोहिल्लउ-दुःखवाळु-दोयलं-दुर्लभ | रितुकेरा-ऋतुना किमइ-केमे
मिलिवा-मळवा ध्राइ–धराय फिरइ-फरे
दिक्ख-दीक्षा अणुहरइ-अनुसरे
बारइ–बारे ( संख्या ) ऊबाहुलि-उद्घाहुक
भाय-भाई ! गई गई परमेसर पासि–परमेश्वर पासे भणिया-भण्या-कह्या
(२) जिनपद्मसूरि-श्रीस्थूलिभद्रनो फाग ( चौदमो सेको) मुणिवइ-मुनिपतिना
पाडलियमाहि-पाटलिपुत्रमाही फागुबंधि-फागबंधवडे
चउमासमाहि-चोमासामांही झलकंत-झळकतुं-चळकतुं भंडारो-भंडार वरीसालइ-वरिसाले–वर्षाकाळे- लियइ-ले छे
चोमासाने समये वय-वै-निश्चय सूचक अव्यय गहगहिया-गहगह्या-गेंक्या- कोसवेसाघरि-कोशा नामनी होशवाळा थया
वेश्याने घरे
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org