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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
तू-तुं
चडाविउ -चडाव्यो-चडावलोबीह-बीक हे हे कु-हे हे कु' एवो अवाज अजिउ-हजी अवगन्नेसइ-अवगणशे नेमिहिपास-नेम करतां पोसि-पोस महिने
छुहिय-क्षुधित-भुख्याने पाह-पाशमांथी-पाशना भयथी रुचंति-रुचे छे सीउ-सी-शीत
चातकु-चातक
वणसइ-वनस्पति जुन्वणु-जोबन
अनेरउ-अनेरो-बीजो भरियउ-भर्यो
भत्तारु-भरतार परणि-परण
खरी-खरी कुइ-कोइ
अच्छंतइ-छते रहेते छते भोली-भोळी
नडइ-सेवे गमारी-मार-मूरख
लहिउ-लईने प्राप्त करीने अप्पणु-पोतानी जाते
रासमि-गधेडे गइवरु-गजवर-उत्तम हाथी माह मासि–महा-मा-महिने कु-कोण
प्रिय लइ ? -प्रियनी पासे लई जा चडइ-चडे
पासि) माचइ-माचे-मत्त थाय
अरन्नि-अरण्यमां रोइसि–रुए छे
माहरी-मारी पतीजसि-विश्वास करे छे हियडामाहि-हैयामां धीय-धी-दीकरी-छोकरी भुंड निलाडि-मुंडा ललाट-कपाळ अछइ-छे
वाळी-मुंडा नसीबवाळी मोदक मोदक
तप्पइ–तपे सुहाली-सुंवाळी ( खावानी)
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