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गुजराती भाषानी उत्क्रान्ति
भिजंति-भीजे छे
आसो-आसो मास कडयं-कडवू
हिमसीउ-हिमशीत-हिम जेवु ठंडु पति-पतिना
नेमिहिरेसि-नेमिने माटे रक्खसि-राक्षसी
आपणपउं—आपणुं मन नहीं
खय-खय-क्षय दुजणतणा-दुर्जनना
दिक्खाडिउ-देखाड्यो पूरि-पूर
छेहु-छेह-छेद-दगो तउ-तो
दयाल दयाळु अनेरा-अनेरा-बीजा
कीजइ-कीजे वरह-सयाई-चरोना सेंकडा- भराविउ-भराव्यो
सेंकडो वरो बोलइ-बोले छे
वाडु-बाडो नेमिसमं-नेमिशुं–नेमि सरखं-साथे कत्तिग-कृत्तिका कार्तिक सवि-सर्व-सब-बधुं
संझ-सांज उग्गइ-ऊगे
रातिदिवसु-रातदिवस भरिया-भर्या
विलवंत-विलपती-विलाप करती एकलडी-एकलडी-एकली दयकरि ) .
दयकरि । दया करीने
ऊवेषिसि-उपेक्षा करे छे–बेदरकारी मूकि-मूकी
राखे छे नीठुरु-नठोर
ओहडु-ओट-अपसरण कडडेरा-करडा-कठण मिल्हइ–मेले छे भिजइ-भींजे छे
सउ-सउ-बधुं सायरु-सायर-सागर
विवरीउ–विपरीत
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