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पद्यनुं आदिवाक्य
कोहं माणं च
खणमेत्तसोक्खा
खामि सव्वे
खिप्पं न सक्ने
गइलक्खणो
गुणेहि साहू चउरंगं
चडव्विहे वि
चत्तारि परम
चत्तारि वमे
चरे पयाई
चिच्चादुपयं चिच्चाणं धणं
चित्तचतमचित्तं
चीराजिणं
छन्दंनिरोहेण
जगनिस्सिएहिं
जणेण सद्धिं
जम्मं दुक्खं
जमिणं जगई
जया कम्म
जया गई बहुविहं
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२११
पद्यनो अंक । पद्यनुं आदिवाक्य
१४४
१५५
३१३
१०९
२२४
२५२
१००
जया चयइ
जया जीव
७०
८९
जया धुणइ
जया निव्विंदए
जया पुण्णं च
जया मुंडे
जया चयइ
जया य चयइ
जया लोग
२७०
जया लोगे
१०७ जया सव्वत्तगं
१७०
जया संवर
१२६
जयं चरे
३३, २६०
जरा जाव
१५९
जरा-मरण
१०८
जस्संतिए
१४ जस्सेवमप्पा
१८१
१६७
१७३
३००
२९०
जहा किंपाग
जहा कुम्मे
जहा दवग्गी
जहा पोम्मं
जहा य अंड
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पद्यनो अंक
२९३
२८९
२९६
२९२
२९१
२९४
२९३
१८८
२९८
२९९
२९७
२९५
२८३
९
४
८६
२१९
१५६
२०४
५१
२६२
१३२
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