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________________ प्रतिष्ठादिक ना मुहूर्त राशि, योनि, नाडी, गण आदि जाणवायूँ शतपदचक्र ( २१३ ) वैश्य संख्या नक्षत्र अश्विनी भरणी कृत्तिका रोहिणी अक्षर राशि वर्ण योनि राशीश | गण नाडी चू चे. | मेष । | क्षत्रिय चतुष्पद मंगल | देव आद्य चो. ला. ली.ल. | मेष क्षत्रिय चतुष्पद गज । मंगल मनुष्य मध्य ले.लो. अ. इ. | १ मेष | १ क्षत्रिय चतुष्पद बकरा | १ मंगल राक्षस | | अंत्य उ. ए. | ३ वृष । ३ वैश्य ३ शुक्र ओ. वा. वृष वैश्य चतुष्पद सर्प शुक्र मनुष्य | अंत्य वी. वु. वे. वो. | २ वृष । २ वैश्य २ चतुष्पद सर्प २ शुक्र | देव । मध्य क. की.| २ मिथुन २ शूद्र २ मनुष्य २ बुध कु. घ. | मिथुन - शूद्र मनुष्य । | बुध | मनुष्य आद्य ङ. छ. के. को. ३ मिथुन | ३ शू. ३ मनुष्य मार्जार | ३ बुध | देव | आद्य हा. ही. | १ कर्क | १ ब्राह्मण १ जलचर १ चद्र ब्राह्मण जलचर | चंद्रमा देव । मध्य ५ मृगशिर ६ आई ७ पुनर्वसु कर्क आश्लेषा डी. and to hits | कर्क ब्राह्मण जलचर मार्जार | चंद्रमा | राक्षस अंत्य १० मघा . | सिंह क्षत्रिय वनचर राक्षस अन्त्य ११ पूर्वा फा. १२ उत्तरा फा. मो. टा. | सिंह क्षत्रिय वनचर चूहा । सूर्य मनुष्य | मध्य टी. टु. टे. टो. | १ सिंह | १ क्षत्रिय १ वनचर गौ १ सूर्य | मनुष्य | आद्य पा. पी. | ३ कन्या ३ वैश्य ३ मनुष्य ३ बुध पु. षा. | कन्या | वैश्य मनुष्य भैंस बुध देव | आद्य ण. ठ. १३ हस्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004647
Book TitleVastusara Prakarana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwandas Jain
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year1989
Total Pages278
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Art, & Culture
File Size8 MB
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