________________
श्रीरायचन्द्र-जिनागमसंग्रहे
भगवत्सुधर्मखामिप्रणीत
श्रीमदभगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्ति.)
पाश्चम अंग-प्रथामा खण्ड श्रीमद्-अभयदेवसूरिविरचितविवरणसहित.
श्रीयुत पुंजाभाई हीराचन्दद्वारा संस्थापित श्रीजिनागमप्रकाशकसभाना मानदकार्यभारी मनसुखलाल रखजीभाई मेहताए
न्याय-व्याकरणतीर्थ पण्डित बेचरदास जीवराज पासे
अनुवदाव्यु अने संशोधाव्यु.
मुम्बईः निर्णयसागराख्यमुद्रणालयमां मुद्रित थयु.
वि० स० १९७४.
समस्खभगवतीसूत्रमूल्य-१५-7-0
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org