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________________ Sap । તવારીખની તેજછાયા ld Gत्सपिएमां 25 गये तीर्थरोनi नमो महान् चमत्कारी श्री नागेश्वरपार्श्वनाथ ૧ કેવલજ્ઞાની ૧૩ સુમતિ महातीर्थ के दर्शनार्थ अवश्य पधारिये ૨ નિર્વાણી ૧૪ શિવગતિ १. तीन हजार वर्ष प्राचीन ૩ સાગર ૧૫ અસ્તાગ श्री पार्श्वनाथ प्रभु के देह ૪ મહાયશ ૧૬ મીશ્વર प्रमाण नौ हाथ की ૫ વિમલનાથ ૧૭ અનિલ अलौकिक चमत्कारी ૬ સર્વાનુભૂતિ ૧૮ યશોધર प्रतिमा के संध्या दीप ૭ શ્રીધર ૧૯ કૃતાર્થ ज्योति में जीवन्त दर्शन ८ ६त्त ૨૦ જિનેશ્વર से अद्भूत आनंद की ૯ દામોદર ૨૧ શુદ્ધમતિ अनुभूति। ૧૦ સુતેજ ૨૨ શિવકર २. गगनचुंबी भव्य द्विमंजिले ૧૧ સ્વામી ૨૩ સ્પંદન जिनालय के भूतल पर ૧૨ મુનિસુવ્રત ૨૪ સંપ્રતિ मूलनायक श्री नागेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु के साथ આવતી ચોવીશીના શ્રી તીર્થંકરદેવો નામ કોનો જીવ? १०८ पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाजी प्रतिष्ठित १ पमनाम (श्रेलि%81) *१७ निषाय(41) एवं श्री नागेश्वर तीर्थ के ૨ શૂરદેવ (સુપાશ્વ) ૧૪ નિષ્કલાક (બલભદ્ર) इतिहास एवं उद्भव से उसुपाव (हायी२।४1) १५ निर्मम (सुखसा) dr. warrsTEA संबंधित जानकारी का ४ स्वयंप्रम (पोट्टिस) ૧૬ મિત્રગુપ્ત (રોહિણી) आकर्षक नक्काशी के साथ सुंदर पट्टो में सचित्र विवरण। ५ सानुभूति (६ढायु) १७ समाधि (२वती) ३. मूल मंदिर के परिसर में गगनचंबी चौबीस जिनालयो में चौबीस ६ विश्रुत (सत्यति) १८ संव२ (शताबी श्राव) ___ तीर्थंकरों की प्रतिमाएं. ४. तीर्थक्षेत्र के परिसर में अन्य देवगुरु मंदिर एवं सुविशाल ૭ ઉદય (શંખ) १८ यशोध२ (दीपायन) दादावाड़ियों का भव्य निर्माण। ८ पेढार. (आनंह) २० विश्य () ५. तीर्थ पेढ़ी द्वारा बृहद् स्तरीय गौशाला एवं पक्षी चण-चबूतरा ८ पोहिल (सुनंह) ૨૧ મલ્લ (न।२४) आदि का संचालन। १० शतहीति (शत) ( मतनो) तीर्थस्थल पर ठहरने हेतु ब्लोक सिस्टम कमरों के साथ ए.सी., *११ सुव्रत (सत्या) नोन ए.सी. तथा अन्य सुंदर सुविधायुक्त कमरों की विशाल धर्मशाला १२ अमम *(वासुदेव) २ अनंतवीर्य (अमर) 'श्री सिद्धाचल यात्रिक भवन' के साथ ही समीपस्थ रेल्वे स्टेशनों (! (मान) २४ (भद्रत (स्वातिषुध) पर स्थित धर्मशाला भवनों में तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुंदरतम व्यवस्था तथा शुद्ध एवं सात्विक भोजन की सुचारु व्यवस्था । ★ ओई ओई मम नामोनो तावत छ. ___गत वर्ष के समापन एवं नूतन वर्ष के क्षितिज दर्शन की पावन बेला में आईऐ ! इस महान तीर्थ के दर्शन कर जीवन सफल बनाईए। विनीत दीपचंद जैन सचिव स्थल : श्री जैन श्वे. नागेश्वर पार्श्वनाथ महातीर्थ पो. उन्हैल नागेश्वर, जि. झालावाड़ (राज.) फोन (०७४१०) २४०७११, २४०७८१, फेक्स २४०७१६ E-mail : [email protected] YELHeman Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004514
Book TitleChaturvidha Sangha Tawarikhni Tejchhaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal B Devluk
PublisherArihant Prakashan
Publication Year2005
Total Pages1028
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, History, & Society
File Size44 MB
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