________________ शब्दार्थ-कोष 371 सूरा-शूर सूलाभिन्नं शूली से टुकड़े-२ करना सूलाकायतयं शूली पर चढ़ाना से वह, उसके सेटि=श्रेष्ठी को, व्यापारी को सेणा सेना सेणावतिमि सेनापति के सेणि-सुद्धि-ज्ञान और दर्शन की शुद्ध श्रेणि को सुतवस्सियं भली प्रकार से कामना-रहित ___ तप करने वाला सुति स्मृति सुत्तं सूत्र सुत्ता सोए हुए सुद्धं निर्दोष सुद्धप्पा शुद्धात्मा, सदाचार आदि से आत्मा को शुद्ध रखने वाला सुमणसे दत्त-चित / सा. प्रसन्न-चित्त सुमणा प्रसन्न-चित्त सुमरसि स्मरण करते हैं... सुसमरित्तए स्मरण करने के लिए सुमिण-दसणे स्वप्न दर्शन, स्वप्न में देव / आदि का दिखाई देना सुयं-सुना है सुय-विणएणं श्रुत-विनय से शास्त्र के .. विनय से सुय-संपया श्रुत-संपत्, शास्त्र-ज्ञान-रूप लक्ष्मी, शास्त्र का उच्च ज्ञान सुलभ-बोहिए सुलभ-बोधिक कर्म को करने वाला, सहज ही में बोध प्राप्त करने वाला सुसमाहिए=सुसमाहितात्मा सुसमाहिय-लेस्सस्स भली प्रकार स्थापित - शुभ लेश्याओं को धारण करने वाला सूइए सुई से सूर-ववगय-गह-चंद-देखो सूर-प्पमाण-भोई सूर्य-प्रमाण भोजन करने वाला, सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजन की ही रट लगाने वाला, असमाधि के १६वें स्थान का सेवन वाला सेणिए श्रेणिक राजा सेणिएणं श्रेणिक राजा से सेणिय-रन्नो श्रेणिक राजा का सेनावइंसेनापति को सेय-श्वेत, सफेद सेल-गोले (इव)=पत्थर के गोले के समान सेविज्जा सेवन करे सेह-शैक्ष को, शिष्य को सेहतरागस्स-शिष्य के पास सेहे-शिष्य सोच्चा-सुन कर सोयंति शोक उत्पन्न करते हैं सोयं स्रोत, श्वास निकलने का मार्ग सोहित्ता शोधन कर हंताए=चोट पहुँचाने पर (छेदे जाने पर) हट्ठ-तुढे हर्षित और संतुष्ट होकर हडि-बंधयं काष्ठ से बंधन करना=सा. _ हथकड़ी डालना हणित्ता मारकर हत्थ-कम्मं हस्तक्रिया