________________ समर्पण श्रमण संस्कृति के अमिट हस्ताक्षर, जैन धर्म दिवाकर आगम रत्नाकर, आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज के प्रिय पौत्र शिष्य पूज्य गुरुवर्य श्रमण श्रेष्ठ राष्ट्र सन्त, उत्तर भारतीय प्रवर्तक भण्डारी श्री पद्मचन्द्र जी महाराज की पावन स्मृति में सादर सभक्ति समर्पित सुव्रतमुनि