SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 244
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . 16 दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् षष्ठी दशा शयनासन, यान, वाहन, भोजन और घर के उपकरण सम्बन्धी विधि से भी यावज्जीवन निवृत्ति नहीं कर सकते / टीका-इस सूत्र में सूत्रकार कहते हैं कि नास्तिक आत्मा विषय-जन्य तथा मन में विकार उत्पन्न करने वाले पांच पदार्थों-शब्द, रूप, गन्ध, रस और स्पर्श से जीवन भर निवृत्ति नहीं कर सकता है, नाही लाल वस्त्र, दन्त-धावन, स्नान, मर्दन और विलेपनादि क्रियाओं से निवृत्ति कर सकता है / विलेपन चन्दनादि का होता है / ___ वह नास्तिक जीवन भर शकट, रथ, युग्म, हाथी की अम्बारी, गिल्ली, थिल्ली, शिविका, स्यन्दमानिका, शय्या और आसन, शकटादि यान, बलीवर्दादि वाहन, भोजन और . घर सम्बन्धी उपकरणों से भी निवृत्ति नहीं कर सकता / एक छोटी सी शङ्का यहां यह उपस्थित हो सकती है कि लौकिक व्यवहार में मर्दन के अनन्तर स्नान-क्रिया देखने में आती है, सूत्रकार ने अनन्तर ही स्नान करने की प्रथा प्रचलित है तथापि कभी-कभी शरीर को स्निग्ध रखने के लिए स्नान के अनन्तर भी मर्दन किया जाता है, जैसे वर्तमान काल में नव-युवक प्रायः स्तान के अनन्तर ही वालों में तैल आदि लगाते हैं। शकट बैलगाड़ी को कहते हैं | दो पुरुषों से उठाये जाने वाले यान या आकाशयान को युग्म कहते हैं / ऊंट का पल्लण अथवा दो पुरुषों की उठाई हुई पालकी का नाम गिल्ली होता है, इसी को थिल्ली भी कहते हैं / किन्तु दो घोड़े या खच्चरों की गाड़ी को भी थिल्ली कह सकते हैं / घोड़े के उपकरण के लिए भी थिल्ली शब्द का प्रयोग होता है / शिविका एक कूटाकार यान विशेष होता है / स्यन्द-मानिका पुरुष प्रमाण ऊंचा एक यान होता है / उपलक्षण से अन्य जल और स्थल के यान विशेषों का ग्रहण करना चाहिए / सम्पूर्ण कथन का निष्कर्ष यह निकला कि जो व्यक्ति नास्तिक मत स्वीकार कर लेता है वह विषयानन्दी हो जाता है और फिर उसके चित्त में निवृत्ति के भावों की उत्पत्ति होती ही नहीं / पुनः सूत्रकार उक्त विषय का ही वर्णन करते हैं:
SR No.004500
Book TitleDasha Shrutskandh Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAatmaram Jain Dharmarth Samiti
Publication Year2001
Total Pages576
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashashrutaskandh
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy