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________________ श्री कल्पसूत्र-बालावबोध (107) वीरवलय एक अलंकार है। जो शूरवीर होता है, उसे यह वीरवलय राजा इनाम में देता है। याने कि यह किसी को सम्मानित करने का अलंकार है। कुछ लोग कहते हैं कि यह अलंकार हाथ में पहना जाता है, तो कुछ कहते हैं कि यह कान में पहना जाता है। ___ अब अधिक क्या वर्णन करें? वह सिद्धार्थ राजा साक्षात् कल्पवृक्ष सरीखा हुआ। जैसे कल्पवृक्ष पत्र-पुष्प-फल सहित शोभित होते हैं, वैसे ही सिद्धार्थ राजा अलंकारों से शोभायमान हैं। तथा पुरुषों में इन्द्र समान, कोरंटवृक्ष के फूलों की मालाओं से सजाया हुआ छत्र मस्तक पर धारण कर के, श्वेत चामर अपने ऊपर ढुलवाते हुए, लोगों से मांगलिक के 'जय जय' शब्दों का उच्चारण करवाते हुए 1. अनेक गणनायक याने अपने घर में जो लोग हैं उनके मालिक, 2. दंडनायक याने देश की चिन्ता करने वाला, 3. हाथियों का स्वामी, 4. राजपुत्र, 5. कोतवाल, 6. मांडवीया, 7. कुटुंब का मालिक, 8. छोटा प्रधान-बड़ा प्रधान, 9. मांडलिक, 10. महामांडलिक, 11 ज्योतिषी, 12. दरबान, 13. राजा के साथ जन्मा हुआ अमात्य, 14. पीठीमर्दन करने वाले, 15. नगर के प्रमुख, 16. चौधरी, 17. बनिया, 18. सेठ, 19. सेनापति, 20. सार्थवाह 21. दूत, 22. देश की संधि के रखवाले याने संधिपालक तथा व्यवहारी, 23.. अंगरक्षक 24. पुरोहित, 25. वृत्तिनायक, 26. वहिवाहक, 27. थइयायत, 28. पडु-पडियायत, 29. टाकटमाली, 30 ऐन्द्रजालिक, संधिपाल की परीक्षा 1. यहाँ संधिपालक कहा है सो- किसी राजा के सरहद पार के राजा के साथ सरहद के विषय में विवाद उत्पन्न होने से राजाओं में विरोध होता है, तब सरहद निश्चित कर जो समझौता कराता है, उसे संधिपालक कहते हैं। इस पर कथा कहते हैं- कौशांबी नगरी में जितशत्रु राजा राज करता था। उसके प्रधान, पुरोहित, सेठ, सेनापति, भंडारी, संधिपालक इत्यादि बहुत बड़ा परिवार था। सब अपने अपने अधिकार में सावधान थे। एक बार किसी पुरुष ने राजा से कहा कि तुम्हारे सब सेवक काम करते हैं, पर संधिपालक तुम्हारा अनाज खा कर भी खोटा करते हैं। इसलिए इसकी जाँच करनी चाहिये। तब राजा ने संधिपालक से कहा कि तुम मनचिन्तित द्रव्य खाते हो, पर काम कुछ करते नहीं हो।
SR No.004498
Book TitleKalpsutra Balavbodh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYatindravijay, Jayantsensuri
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trust
Publication Year1998
Total Pages484
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_kalpsutra
File Size10 MB
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