________________ तो उसे मुँह से किस प्रकार 89. गृहस्थ के घर में किवाड़ आदि का . निकाले तथा कहाँ परिष्ठापन आलम्बन करके न खड़ा हो ....... 178 करे उसका वर्णन ............. 156 | 90. श्रमण ब्राह्मण कृपण आदि का 78. यदि भिक्षु का विचार उपाश्रय में उल्लंघन करके न जाने का तथा भोजन करने का हो तो क्या करे.... 157 जाने से सम्भवनीय दोषों का 79. भिक्षा वृत्ति केवल मोक्षसाधन के हेतु वर्णन तथा ऐसा होने पर कब शरीर रक्षा के लिए है ........... 161 जाए इस विषय का वर्णन . ..... 179 80. भोजन करने से पूर्व वहाँ उपस्थित 91. वनस्पति का आरम्भ करके यदि साधुओं को निमन्त्रण करे तथा कोई भिक्षा दे तो न ले .......... 182 यदि किसी की इच्छा हो तो | 92. कमल का कन्द, पलाश का कन्द, गन्ने साथ खाए अन्यथा अकेला ही की गनेरियाँ आदि पदार्थ जो भोजन कर ले अभी कच्ची अर्थात् सचित्त हैं. 81. भिक्षा में कटु कसैला कैसा ही भिक्ष न ले................ भोजन हो प्रसन्नता पूर्वक खाए 93. धनहीन कुलों को छोड़ता हुआ आहार की अवहेलना न करे. भिक्षा न ले. 82. दोष रहित आहार के देने वाले तथा 94. अदीनतापूर्वक भिक्षा की गवेषणा . लेने वाले दुर्लभ हैं जो हैं वे करे तथा भोजन में अमूर्छित सुगति को प्राप्त होते हैं.......... बने ....................... [पञ्चमाध्ययन द्वितीयोद्देश ) | 95. भिक्षा न देने पर साधु क्रोध न करे 192 83. भिक्षु भिक्षा में आए हुए सब पदार्थों 96. वन्दना करते हुए स्त्री-पुरुषों से का भोजन करे न कि रसेन्द्रिय आहार याचना न करे और ना वशीभूत होकर नीरस को छोड़े..... 172 | ही कटु वचन प्रयोग करे ........ 193 84. भिक्षा में आए हुए आहार से यदि 97. नमस्कार न करने वाले पर क्रोध निर्वाह न होता हो तो पुनः तथा करने पर गर्व न करे........ भिक्षार्थ जा सकता है........... 173 | 98. भोजन में माया के दोषों का 85. भिक्षु भिक्षा के समय में ही भिक्षा वर्णन.................. को जाए तथा अकाल में जाने | 99. * मान सम्मान का इच्छुक भयंकर के दोषों का वर्णन ............. 174 पापकर्मों का करने वाला होता है ......... 86. भिक्षा के न मिलने पर भिक्षु का क्या | 100. मद्य-पान का निषेध करके मद्यपायी कर्तव्य है इस विषय का वर्णन .... 176 के दुर्गुणों का वर्णन ........... 199 87. भिक्षार्थ गमन-विधि का वर्णन..... 177 101. मद्यपान के त्याग का माहात्म्य 88. भिक्षार्थ गया हुआ भिक्ष गृहस्थ के तथा संयमी के अन्य गुणों का घर में न बैठे और ना ही विशेष वर्णन ...................... 204 धर्म कथा करे................ 178 | 102. साध किन दोषों से चोर हो जाता xlviii हिन्दीभाषाटीकासहितम् / [विषय-सूची