________________ 136 श्रीहेमचन्द्राचार्यविरचित रुचिः सूचिसाची खनिः खानिखारी, .. खलिः कीलितली क्लमिर्वापिधूली / कृषिः स्थालिहिण्डी त्रुटि दिनान्दी, किकिः कुक्कुटिः काकलिः शुक्तिपंक्ती // 43 // किखिस्ताडिकम्बी द्युतिः शारिराति___ स्तटिः कोटिविष्टी वटिमुष्टिवीथी / दरिर्वलरिमञ्जरिः पुञ्जिमेरी, . शरारिस्तुरिः पिण्डिमाढी मुषुण्डिः // 44 // राटिराटिरटविः परिपाटिः, ___ फालिगालिजनिकाकिनिकानि / चारिहानिवलभि प्रधिकम्पी, चुल्लिचुष्टितरयोऽहतिशाणी // 45 // सनिः सानिमेनी मरिमारिरश्रयो षधी विद्रधिझल्लरिः पारिरभिः / . शिरोधिः कविः कीर्तिगन्त्रीकवर्य, कुमार्याढकी स्वेदनी हलादिनीली // 46 // हरिण्यश्मरी कर्तनीस्थग्यपट्यः, करीये कपद्यक्षवत्यः प्रतोली। कृपाणीकदल्यौ पलालीहसन्यौ, . वृसी गृध्रसी घरी कर्परी च // 47 //