________________ 274 श्रीसिद्धहेमचन्द्रशब्दानुशासनम् 520 वृषू संघाते च / | 555 रहु गतौ / 521 भष भर्त्सने / 556 दह 557 दहु 522 जिषू 523 विषू 524 मिषू | 558 बृह वृद्धौ / 525 निषू 526 पृषू 527 वृषू / 559 बृह 560 बृहु शब्दे च / 528 मृषू सहने च / 561 उह 562 तुह 529 उषू 530 श्रिषू 531 श्लिषू 563. दुह् अर्दने / 532 पुष 533 प्लुष दाहे / / 564 अर्ह 565 मह पूजायाम् / 534 घृषू संहर्षे / . | 566 उक्ष सेचने / 535 हृषू अलीके / 567 रक्ष पालने / 536 पुष पुष्टी / 568 मक्ष 569 मुक्ष सजाते। 537 भूष 538 तसु अलझारे / | 570 अक्षौ व्याप्तौ च / 539 तुस 540 इस 541 इस | 571 तक्षौ 572 त्वक्षौ तनूकरणे / 542 रस शब्दे / 573 णिक्ष चुम्बने / 543 लस श्लेषण-क्रीडनयोः / 574 तृक्ष 575 स्तृक्ष 544 घस्सं अदने / 576 णक्ष गतौ / 545 हसे हसने / 577 वक्ष रोषे / 546 पिसृ 547 पेस 578 त्वक्ष त्वचने / 548 वेसृ गतौ / 579 सूर्फ अनादरे / 549 शसू हिंसायाम् / 580 काक्षु 581 वाक्षु 550 शंसू स्तुतौ च / 582 माक्षु काक्षायाम् / 551 मिहं सेचने / 583 द्राक्षु 584 ध्राक्षु 552 वह भस्मीकरणे / 585 ध्वाक्षु घोरवाशिते च / 553 वह कल्कने / // इति परस्मैभाषाः // 554 रह त्यागे /