________________ मध्ये च खरान्तावा // 8 / 3 / 178 // क्रियातिपत्तेः // 8 / 3 / 179 // न्त-माणौ // 8 // 3 // 180 शत्रानशः / / 8 / 3 / 181 // ई च स्त्रियाम् // 8 // 3 // 482 // इत्याचार्यश्रीहेमचन्द्र विचिते. सिद्धपच द्राभिधान शब्दानुशासने . अष्टमस्याध्यायस्य तृतीयः पादः // 3 // ऊर्व स्वर्गनिकेतनादपि तले पातालम्लादपि, त्वत्कीर्तिभ्रंमति क्षितीश्वरमणे ! पारे पयोवेरपि तेनास्याः प्रमदाम्वभावसुलभैच्चावचैश्चापलैस्ते - वाचंयवृत्तयोऽपि मुनयो मौनव्रत त्याजिताः // 9 (40)