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________________ 22 ९८५-९८६-कणी फुरणे / पोओ वहणे .. ९८७-९८८-सबरा य किरीया मालई जाई // 27 // ९८९-९९०-'जे' त्ति य पयपूरणे विम्हयम्मि हो ९९१-९९२-विलविअम्मि / अवि होहा अंतो मज्ने ९९३-९९४-पुरओ य अग्गओ // 274 / / मग्गओ पच्छा // ९९५-९९६-खेआइसु अव्वो हंदि उत्ति। आमंतणम्मि दे-सदो // ९९७-९९८-इर तच्छीले। इल्लो इत्तो आलो य मउअत्थो // 25 // 981 नट. 982 घटिका. 983 प्रसाद. 984 नानी टोकरी. 985 स्फुरण. 986 वहाण. 987 भिल्ल. 988 जाइनो छोड. 989 'जे' पादपूरक. 990 'हो' विस्मयसूचक. 991 'हाहा' विलापसूचक. 992 मध्य' 993 आगळ. 994 पाछळ. 995 खेदादिसूचक. 996 आमंत्रणसूचक. 997 स्वभावसूचक प्रत्यय. 998 'वाळा' अर्थवाळा प्रत्यय. विक्कमकालस्स गए अउगत्तीसुत्तरे सहस्सम्मि मालवनरिंदधाडीए लूडिए मन्नखेडम्मि // 1 // धारानयरीए परिट्ठिएण मग्गेठिआए अणवज्जे / कज्जे कणि?बहिणीए 'सुंदरी' नामधिजाए // 2 // कइणो अंध जण किवा कुसल त्ति पयाणमंतिमा वण्णा / नामम्मि जस्स कमसो तेणेसा विरइया देसी // 3 // कव्वेसु जे रसड्डा सदा बहुमा कईहि बज्ज्ञन्ति / ते इत्थ मए रइआ रमंतु हिअए सहिअयाण // 4 // सयलकइचक्कचक्ववइसिम्धिनबालविरइया / पाइअलच्छीनाममाला /
SR No.004490
Book TitlePrakrit Vyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanyamsagar
PublisherSanyamsagar
Publication Year1986
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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