________________ ८८-३८९-सुरगोवो इ दोबो / कोलिअया उन्ननाह मकडया / 90 -३९१-मज्जारीओ बिरोलीओ / रासहो गईहो य खरो // ९२-३९३-भोओ फडा फर्ण ऽत्थे / कुदुल्लअ कोसिआ उल्लूआ य / ३९४-३९५-रोमथो उग्गालो / उक्खा वसहा य वच्छाणा // 151 // 396-39 ७-जंतू सत्ता भूआ य / कोल्हुआ जंबुआ य गौमाऊ। ३९८-३९९-उडयो तापसगेह' / गामहण' खेडयं पद्द // 152 // ४००-४०१-दुद्दोली दुब्बाली य / फुफमा कोउआ करोसगी / ४:२-४-३-पत्थारो मत्थरओ / लेटुक्को लेडुओं लेडू // 153 / / ४०४-४७५-वारिज्जय विवाहो / तग्गयमण-तप्परा य तलिच्छा / ४०६-४०७-तुप्पाई कोउआई / पईव-पच्चास्थणो वामा // 154 408-409- दलिअ दारु कड / पत्थय ग संबलं च पाहिज्ज। ४१.-४११-भावो वत्थु पयस्थो / खुज कुडिया कुडिल' च // 155 / / ४१२-४१३-इदमहो कोमारो / कोउअ-कुड्डाई कोउहरू लाम्म / ४१४-४१५-सुरही महु वसंतो / वासारत्तो य घणसमओ।१५६॥ 388 इंद्रगोप. 389 करोलियो. 390 बिलाडी. 391 गर्दभ. 392 फगा. 393 घूवड. 394 वागोम्बु. 395 वृषभ. 396 जंतु, 397 शिंआळ. 398 तापसनु घर. 399 गामडु 100 वृक्षनी श्रेणी. 401 छाणानो अग्नि. 482 बिछानु. 403 फु... 404 विवाह. 405 तत्पर. 406 कौतुक. 407 वाम. 408 काष्ठ. 409 भातु. 410 वस्तु. 411 कुब्ज. 412 इंद्रमह 413 कुतूहल. 414 वसंतऋतु. 415 वर्षाऋतु. [21]