________________ खेलं निहुअं सहर' वीसत्थं मंथर थिमि // 15 // १६-संधुकिअं उद्दीविरं उज्जालिअं पलीविरं जाण / - संदुमिअं ऊसिक्किअं उठभुत्तिअयं च तेअविलं "16 / / १७-सयराहं नवरे य दुत्ति झत्ति सहसत्ति इक परिक्षं च / अविहाविअं इक्कवए अतक्किअं तक्खणं सहसा // 17 // ! १८-उप्पंको ओप्पोलो उक्करो पहयरो गणो पयरो / औहो निवहां संघो संघाओ संहरो निअसे // 18 // --में दोहो निगरवा भरो' निहाओ समूह नामाई / इत्ताहे गाहद्धेहिं वण्णिमो वत्थुपज्जाए / / 19 / / १९-लोअग्गं परमपयं मुत्ती सिद्धी सिव च नियाणं / २०-सुद्वोअगी दसबलो मको सुगओ जिणो बुद्धो // 2 // २१--सउरी दमारनाहो वइकुंठो महुमहो रविंदो य / २२-सूली सिवो पिणाई थाणू गिरिसो भवा मंभू // 21 // २३-कुंचारी खंदो छ मुहो विसाहो गुहो कुमारो य / २४-अमरा नियसा वदारया य विबुहा सुरा देवा // 22 // २५-अक्खंडलो सुरवई पुरंदरो वासवो सुणासीरो। २६-रामो सोरी मुसलाउहो बलो कामपालो य / / 24 // . 16 उद्दीपित. 17 तत्क्षण. 18 समूह. 19 मुक्ति. 20 बुद्ध. 21 उपेन्द्र. 22 शिव. 23 कार्तिकेय. 24 देव...२५ इन्द्र. 26 राम