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________________ (ज) 437 विचार बिन्दु 55 सम्यक्त्व चौपाई, प्रपरनाम (धर्मपरीक्षा का वार्तिक) षट्स्थानक स्वाध्याय 38 विहरमान जिनविंशतिका स्वोपज्ञ टीका सहित (प० सं० 123) 46 साध-वन्दना रास 36 वीरस्तुतिरूप हडो का (प० सं० 108) स्तवन स्वोपज्ञ बालावबोध 47 साम्यशतक (समताशतक) सहित (प० सं० 150). 48 स्थापनाचार्यकल्प सज्झाय ... 40 श्रीपालरास (केवल उत्त- 46 सिद्धसहस्रनाम छन्द रार्ध) , (प० सं० 21) 41 समाधिशतक (तन्त्र) ५०.सिद्धान्तविचारगर्भित सीमX४२ समुद्र-वहाण संवाद न्धरजिन स्तवन 443 संयमश्रेणि विचार सज्झायः स्वोपज्ञ टबार्थ स्वोपज्ञ टबार्थ सहित प० सं० 350 44 सम्यक्त्वना सड़सठ बोधनी 51 सुगुरुसज्झाय सज्झाय (प० सं० 65). 52 तर्कसंग्रह बालावबोध अन्यकर्तृक ग्रन्थों के अनुवाद रूप में गुर्जर भाषा को अप्राप्य कृतियां . 1. प्रानन्दघन बावीशी-बालावबोध तथा 2. अपभ्रंश प्रबन्ध (?) - यह चिह्न अप्रकाशित कृतियों का सूचक है। . + यह चिह्न उपलब्ध संस्कृत सूची में अनुल्लिखित कृतियों का सूचक है क्योंकि ये ग्रन्थांश रूप में ही प्राप्त हैं।
SR No.004489
Book TitleArshbhiyacharit Vijayollas tatha Siddhasahasra Namkosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashovijay
PublisherYashobharati Jain Prakashan Samiti
Publication Year1976
Total Pages402
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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