________________ ( ख ) +6 आत्मख्याति* +11 कूवठ्ठिन्तत्रिशईकरण +7 माराधकविराधकचतडी (कूपदृष्टान्तविशदीकरण) स्वोपज्ञटीका सहित स्वोपज्ञटीका सहित +8 आर्षभीय वरित-महा 12 गुरुतत्तविणिच्छय काव्य*x (गुरुतत्त्वविनिश्चय) स्वोपज्ञटीका सहित 6 उवएसरहस्स (उपदेश- : रहस्य) 13 जइलक्खणसमुच्चय) स्वोपज्ञटीका सहित (यतिलक्षणसमुच्चय) +10 ऐन्द्रस्तुतिचतुर्विशतिका 14 जैन तर्कभाषा स्वोपज्ञटीका सहित 15 ज्ञानबिन्दु कुछ कृतियाँ अपने ही ज्ञान-भण्डारों के सूची-पत्रों में अन्य रचयिताओं के नाम पर चढ़ी हुई हैं / इसी प्रकार कुछ कृतियाँ ऐसी हैं जिनके आदि और अन्त में उपाध्याय जी के नाम का उल्लेख नहीं होने से वे अनामी के रूप में ही उल्लिखित हैं, उनके बारे में भविष्य में ज्ञात होना सम्भव है। संकेतचिह्न-बोध __ प्रस्तुत सूची में कुछ संकेत चिह्नों का प्रयोग किया गया है, जिनमें* ऐसा पुष्प चिह्न अनूदित कृतियों का सूचक है। *x पुष्प एवं (कास) गुणन-चिह्न ऐसे दोनों प्रकार के चिह्न अनूदित होने के साथ ही अपूर्ण तथा खण्डित कृतियों के लिए प्रयुक्त हैं। + ऐसा धन चिह्न स्वयं उपाध्याय जी महाराज के अपने ही हाथ से लिखे गये प्रथमादर्शरूप ग्रन्थों का परिचायक है। (?)ऐसा प्रश्नवाचक चिह्न “यह कृति उपाध्यायजी द्वारा रचित है अथवा नहीं?" इस प्रकार की शंका को अभिव्यक्त करता है।