________________ 264 सिद्धसहस्रनामावली हापभाय "360 : चय काय ॐ पद्मसम्भूतये नमः ॐ नभःकेशाय ,, पद्मभुवे , स्थास्नवे. .. , पद्मविष्टराय , 320, जिष्णवे , हृत्पद्मस्थाय ,, पितामहाय .. 7, महापद्माय ... " , भिषग्वराय , पद्माय ..." , अगदङ्काराय , पद्मासनोदयाय ,, वैद्याय. .. , हिरण्यगर्भाय ,, ध्वस्तगदाय , श्रीगर्भाय , अगदाय , विरञ्चये ,, वरदाय " द्रुहिणाय ,, पारदाय , श्रीदाय ,, वेदगर्भाय 340 , सिद्धिदाय , शतानन्दाय : ,, सर्वशर्मदाय , , पुराणज्ञाय ,, वर्षीयसे , पुराणगाय ,, वृषभाय , विश्वरेतसे . ,, वर्षाय .., हंसगतये ,, वृषकेतवे . .... " महाहंसाय ,, वृषध्वजाय .. , हंसराजे ,, महाबोधये . , प्रजापतये __.. वर्द्धमानाय , प्रजानाथाय , , महद्धये , हिरण्येशाय ...., 350 , वृद्धिलक्षणाय.. , हिरण्मयाय ... , अहानिवृद्धये .... " हृषीकेशाय , . , स्तुत्यात्मने