________________ 588 ] [ काव्यषट्कं अहितानभि वाहिन्या स मानी चतुरङ्गया / चचाल वल्गत्कलभसमानीचतुरङ्गया / / 25 / / ततस्ततधनुमौर्वीविस्फारस्फारनिःस्वनैः / / तूतैर्युगक्षये क्षुभ्यदकूपारानुकारिणी // 26 // / सर्वतोभद्र / / स का र ना ना र का स . का यः सा द द सा य का / र सा ह वा वा. ह सा र ... ना द वा द द वा द ना / / 27 / / का | साय he द ना AN nc PU लोलासिकालियकुला यमस्यैव स्वसा स्वयम् / चकीर्षु रुल्लसल्लोहवर्मश्यामा सहायताम् // 28 / /