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________________ प्रकाशिका-श्रीहर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाल (लाखाबावल) सौराष्ट्र c/o श्रीमती जशमाबेन वी.शा. मेघजी वी.शा. वेलजी वी. दोढिया .. श्रुत ज्ञान भवन 45 दिग्विजय प्लोट, जामनगर वीर सं० 2317 विक्रम सं० 2047 . सन् 1961 प्रथमावृत्तिः प्रतयः 1000 आभार दर्शन प्राचीन साहित्य प्रकाशन योजनामां रघुवंश कुमारसंभव किरातार्जुनीय शिशुपालवध नैषधीयचरित अने मेघदूत रूप प्रा काव्यषट्कं अभ्यासमां उपयोगी थाय ते माटे प्रगट करेल छे. आ काव्यषट्कनुं संपादन पू. प्रा. श्रीविजयजिनेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजे कयु छे. पा ग्रन्थ श्वे. मू. जैन भण्डारो ने 500 नकल भेंट आपी शकाय ते माटे पू० प्रा० श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरजी म. ना सदुपदेशथी श्री हालारी वीशा प्रोसवाल तपागच्छ उपाश्रय अने धर्मस्थानक ट्रस्ट दिग्विजय प्लोट जामनगर तथा श्रीमती चन्द्रावती बालुभाइ खीमचन्द झवेरी ट्रष्ट रत्नपुरी मलाड ट्रस्ट मुम्बई तरफथी सहकार मलेल छे. ते माटे पूज्य श्री तथा प्रा बने ट्रस्टोनो खूब-खूब आभार मानीए छोए. ता० 21-6-61 महेता मगनलाल चत्रभुज शाक मारकेट सामे, व्यवस्थापक जामनगर (सौराष्ट्र) श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला
SR No.004484
Book TitleKavyashatakam Mulam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1991
Total Pages1014
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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