________________ // 20 // // अहम् // हालारदेशोद्धारक-पूज्याचार्यदेवश्रीविजयामृतमरिभ्यो नमः काव्यषटकम् (रघुवंश-कुमारसंभव-किरातार्जुनीय-शिशुपालवध नैषध-मेघदूतात्मकम् ) - // 1 // प्रथमं काव्यं // महाकवि श्री कालिदासविरचितं :: रघुवंशम् :: 25 // 27 / / वागर्थाविव संपृक्ती वागर्थप्रतिपत्तये / ..... जगतः पितरौ वन्दे पार्वतोपरमेश्वरौं // 1 // * क्व सूर्यप्रभवो वंशः क्व चाल्पविषया:मतिः। तिखीषु वुस्तरं मोहादुडुपेनास्मि सागरम् // 2 // मन्दः कवियश:प्रार्थी गमिष्याम्युपहास्यताम् / .. प्रांशुलभ्ये फले लोभादुद्वाहुरिव वामनः // 3 // अथवा कृतवारद्वारे वंशेऽस्मिन्पूर्वसूरिभिः / / मगो वनसमुत्कोणे सूत्रस्येवास्ति मे गतिः / / 4 / / सोहमाजन्मशुद्धानामाफलोदयकर्मणाम् / .. 10 आसमुद्रभितीशानामानाकरथवर्त्मनाम् // 5 //