________________ 22 शः पौ // 7 // धुटि पदान्ते चेति / निशस्तु निड्भ्याम् निड्त्सु / मतिः मती मतयः मती: मत्या // 8 // त्रियां जितां वा दैदासदासदाम् इदुतः / मत्य मते: मत्यां मतौ / // 9 // चित्रतुरस्तिसृचतस स्यादौ स्त्रियाम् / ऋतो र: स्वरेऽनि / तिसृचतस्रो गमवर्जे स्वरे, ऋतों रः, तिनः तिसृभिः तिसृणाम् / प्रियांस्तिस्रो यस्य तत् .. // 10 // अनतो लुप् / क्लीबे स्यमोः, प्रियतिसृ // 11 // अनाम्स्वरे नोऽन्तो / नाम्यन्तानपुंसकात // 12 // औरोः क्लोबे। प्रियतिसृणी // 13 // नपुंसकस्य शिर्जशसोः // 14 // स्वराच्छौ क्लीवे.नोऽन्तः // 15 // शिधुट क्लीबे // 16 // नि दीर्घः / शेषघुटपरे नि.दीर्घः, प्रियतिसृणि // 17 // वान्यतः पुमांष्टादौ स्वरे। अन्यतो नपुंसकस्य टादौ स्वरे वा पुंलिङ्गं, प्रियतिस्रा प्रियतिसृणा / द्वे द्वाभ्याम् नदी नद्यौ, 'सखी सख्यौ, लक्ष्मी: लक्ष्म्यौ, स्त्री स्त्रियौ // 18 // वाऽम्शसि / स्त्रिय इवर्णस्येय, स्त्रीम् स्त्रीयम् स्त्रीः स्त्रिय स्त्रियै स्त्रीणाम्, श्रीः श्रियो श्रियः हे श्रीः // 19 // वेयुवोऽख्रिथाः / ङिताम् दैदास्दास्दाम्, श्रियै श्रिये // 20 // आमो नाम्वा / स्त्रीदूतः - इयुवः, श्रीणाम् श्रियाम, सेनानीः सेनान्यौ सेनानीनाम् // 21 // निय