________________ 20 बहुवचनान्तः त्रिशब्दः, त्रयः त्रीन् त्रिभिः / त्रय आभि, त्रयाणाम् / द्विवचनान्तो द्विशब्द: // 52 // आढेरः / त्यदादीनां द्व्यन्तानामन्त्यस्य अः स्यात्, द्वौ द्वयोः // 53 // क्विब्वत्तेरसुधियस्तौ / क्विबन्तवृत्तेरिवर्णोवर्णयोर्यो स्वरे, वातप्रम्यं वातप्रम्या वातप्रम्यि // 54 // दीर्घङयाव्यञ्जनात्सेलृक् / बहुश्रेयसी बहुश्रेयस्यः // 55 // नित्यदिद्विस्वराम्बार्थानां ह्रस्वः / सिनामन्ये, हे बहुश्रेयसि ! // 56 // स्त्रीदूतो ङितां दैदास्दास्दाम् क्रमेण / बहुश्रेयस्यै बहुश्रेयसीनाम् बहुश्रेयस्याम् // 57 // धातोरिवर्णोवर्णयोरियुवौ स्वरे / सुधियो सुधियः सुधियाम् सुधियि / कुमारीमिच्छन्कुमारी / __ // 58 // योऽनेकस्वरस्येवर्णस्य / स्वरे, कुमार्यों कुमारीणाम् कुमार्याम् / स्त्रिया इवर्णस्येय् स्वरे, अतिस्त्रियौ अतिस्त्रिणा अतित्रौ / प्रभुः प्रभवः प्रभुणा प्रभूणाम् प्रभौ // 59 / / कुशस्तुनस्तृच् / पुंसि घुटि क्रोष्टा // 60 // तृनप्तनेष्टुत्वष्टक्षत्तहोतृपोतृप्रशास्त्रो घुटि / ऋत आर्, क्रोष्टारौ क्रोष्टून् // 61 // टादौ म्वरे वा / क्रुशस्तुनस्तृच्, क्रोष्ट्रा क्रोष्टुना / ऋतो डुर् ङ्सिङ्सोः क्रोष्टुः क्रोष्ट्रनाम् / हूह्वौ हूह्वाम् / // 62 / / इन्पुनर्वर्षाकारैर्भुवो वः / स्वरादौ,