________________ // 1 // परानोः कृगः / परस्मै, अनुकरोति // 2 // प्रत्यभ्यतेः क्षिपः // 3 // प्राद्वहः // 4 // परेम॒षश्च // 5 // वोपाद्रमः // 6 // चल्याहारार्थेबुधयुध द्रुखुनशजनो णिगः / अध्यापयति / / इति परस्मैपदप्रक्रिया / / .. // 1 // क्यः शिति भावकर्मणोः / / 2 / / तत्साप्यानाप्यात्कर्मभावेकृत्यक्तखलाश्च / आत्मने, क्रियते कटः, अभिहितत्वान्नाम्नः प्रथमा, भावे प्रथमत्रिकमेकवचनं च, बभूवे // 3 // स्वरग्रहशहन्भ्यःस्यसिजाशी:श्वस्तन्यां / बिड् वा भाविता भविता // 4 // भावकर्मणोरद्यतन्यां जिव तलुक् / च, अभावि, बुभूष्यते बोभूय्यते स्तूयते स्मर्यते संस्क्रियते / // 5 // तनः क्ये वाऽऽत् / तायते तन्यते, इज्यते जायते धीयते // 6 // आत ऐः कृौ / णिति / अधायि अधायिषाताम्, अधायिषत दायिषीष्ट अघानि अवधि वधिषीष्ट गृह्यते शम्यते // 7 // मोऽकमियमिरमिनमिवमाचमो / णिति कृति जौ च न वृद्धिः, अशमि अकामि // 8 // भजेर्वा नलुक् / जौ, अभाजि अभजि // // जिरुणमोर्वा लभः / स्वरान्नोन्त: अलाभि अलम्भि // इति भावकर्मप्रक्रिया / / दुहिभिक्षिरुधिप्रच्छिचिगब्रूगशास्वर्थयाचिजेः गोपे कर्मणि नीवहक्षेम॒ख्ये विभक्तयः / सौकर्यादविवक्षिते